हिमाचल प्रदेश : वर्तमान व पूर्व सीएम की प्रतिष्ठा दांव पर

Last Updated 24 Apr 2014 04:04:49 AM IST

देव भूमि हिमाचल प्रदेश के हमीरपुर लोकसभा क्षेत्र में वर्तमान मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह और पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल की प्रतिष्ठा दांव पर लगी हुई है.


हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह एवं पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल (फाइल फोटो)

इस क्षेत्र से धूमल के पुत्र और भाजयुमो के राष्ट्रीय अध्यक्ष अनुराग ठाकुर हैट्रिक बनाने की लालसा लेकर मैदान में हैं. वहीं मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने पिछले सोलह वर्ष से इस क्षेत्र में कांग्रेस के सूखे को दूर करने के लिये राजेन्द्र राणा को मैदान में उतारा है.

पंजाब के साथ सटा हमीरपुर लोकसभा क्षेत्र लम्बे समय से भाजपा का गढ़ रहा है. 1996 के चुनावों में बिक्रम सिंह कांग्रेस के ऐसे अंतिम प्रत्याशी थे जिन्हें सफलता प्राप्त हुई थी. उसके बाद पिछले  सोलह वष्रों से इस सीट पर भाजपा का कब्जा है. 1998 में सुरेश चन्देल की सफलता के साथ शुरू हुआ भाजपा का विजय अभियान 2009 के चुनावों तक जारी रहा. 2007 के उप चुनाव में प्रेम कुमार धूमल ने इस क्षेत्र पर कब्जा कर लिया था.

बाद में मुख्यमंत्री बनने पर उन्होंने अपनी विरासत अनुराग ठाकुर को सौंप दी थी. अनुराग ठाकुर ने पहले 2008 में इस क्षेत्र से उप चुनाव जीता था और बाद में 2009 में भी उन्होंने इस क्षेत्र से अपनी विजय पताका फहराई. उस चुनाव में अनुराग को 3,73,598 (53.47%) मत प्राप्त हुये थे जबकि उनके प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस के नरेन्द्र ठाकुर को 3,00,866 (43.06 %) मत प्राप्त हुये थे.

इन चुनावों में धूमल के बेटे अनुराग ठाकुर हैट्रिक के लिये पुन: चुनावी संग्राम में है. जबकि कांग्रेस ने उनके मुकावले राजेन्द्र राणा को मैदान में उतारा है. राजेन्द्र राणा पहले भाजपा में थे. परन्तु पिछले विधानसभा चुनावों में पार्टी द्वारा टिकट न दिये जाने के कारण उन्होंने भाजपा छोड़ दी थी. वह सुजानपुर विधान सभा से आजाद प्रत्याशी के तौर पर चुनाव लड़े थे और कांग्रेस व  भाजपा प्रत्याशी को पराजित करके विजयी रहे थे.

बाद में वीरभद्र के साथ उनके रिश्ते काफी करीबी हो गये. इसके चलते वीरभद्र सिंह ने अपनी गारंटी पर उन्हें लोकसभा का टिकट दिलवा दिया. इसके लिये उन्होंने राणा को पहले विधायक पद से त्याग पत्र दिलवाकर कांग्रेस में शामिल करवाया और बाद में उन्हें अनुराग ठाकुर के विरुद्ध लोकसभा चुनावों में उतार दिया. राजेन्द्र राणा की शर्त के अनुसार वीरभद्र ने सुजानपुर विधानसभा के उप चुनाव में कांग्रेस का टिकट उनकी पत्नी अनीता राणा को भी दिलवा दिया. लोकसभा के साथ साथ अब सुजानपुर विधानसभा का भी उपचुनाव हो रहा है.

मुख्यमंत्री की जिद के कारण हाईकमान को पार्टी टिकट राजेन्द्र राणा को देना पड़ा जबकि प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष सुखविन्द्र सुक्खू उन्हें टिकट देने के पक्ष में नहीं थे. उनका कहना था कि पार्टी किसी बाहरी व्यक्ति की अपेक्षा कांग्रेस के किसी नेता को चुनाव में उतारे. जिससे जीत सुनिश्चित हो सके. परन्तु वीरभद्र के सामने प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष सुक्खू बौने पड़ गये और टिकट राजेन्द्र राणा को दे दिया गया.

यह क्षेत्र भाजपा का गढ़ रहा है और अनुराग ठाकुर दो बार यहां से विजयी रहे हैं. परन्तु पिछले पांच वर्षो के दौरान उन पर काफी संगीन अरोप लगे है. वह हिमाचल प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन के अध्यक्ष भी हैं. उनके कार्यकाल के दौरान धर्मशाला में क्रिकेट स्टेडियम और लीज की जमीन पर होटल बनाया गया था. इस स्टेडियम और होटल के मामले में कई अनिमियतताएं पाई गई हैं.

राज्य सतर्कता ब्यूरो ने अनुराग के विरुद्ध केस भी दर्ज किये हैं. इन अनियमितताओं में सहयोगी रहे दो आईएएस भी कटघरे में हैं. उनसे भी विजिलेंस ने पूछताछ की है. इसके अलावा भी धूमल परिवार पर हिमाचल की भूमि को बाहर के लोगों के हाथों बेचने के आरोप हैं. बाबा रामदेव, आसाराम बापू और प्राइवेट कालेजों को अलाट की गई हजारों एकड़ भूमि के आवंटन में अनियमितताओं की जांच जारी है.

कांग्रेस का अरोप है कि धूमल परिवार ने हिमाचल को पंजाबियों के हाथों बेच दिया है. ठाकुर पर यह भी आरोप है कि उन्होंने अपने क्षेत्र में विकास का कोई कार्य नहीं करवाया. यहां तक कि अपनी सांसद निधि भी खर्च नहीं की है. अनुराग की नैया तो मोदी के सहारे है. दूसरी ओर राजेन्द्र राणा पहली बार विधायक बने थे. इसलिये अभी उन पर कोई आरोप नहीं है. इस कारण इस बार अनुराग को कांटे की टक्कर मिल रही है.

इस लोकसभा क्षेत्र में आम आदमी पार्टी (आप) भी अपनी उपस्थिति दर्ज करवाने के प्रयास में है. आप ने कारगिल युद्ध के शहीद कैप्टन बिक्रम बतरा की मां कमल कांता बतरा को चुनाव मैदान में उतारा है. हिमाचल की आबादी को 80 प्रतिशत परिवारों का सम्बंध सेना अथवा अन्य सुरक्षा सेवाओं के साथ है. इस क्षेत्र में सेवानिवृत्त सैनिकों की भी भारी संख्या है. आप का यह पहला चुनाव है. राज्य की राजनीति का अपना अलग स्वभाव है. ऐसे में यह कहना कठिन है कि किस पार्टी को क्या मिलेगा.

हमीरपुर लोकसभा सीट

हमीरपुर लोकसभा क्षेत्र में 17 विधानसभा क्षेत्र आते हैं. इनमें छेहरा, सजवां परागपुर, धर्मपुर भौरज (एससी) सुजानपुर, हमीरपुर, बढसर, नदौन चिंतपूर्णी (एससी), गगरेट, हरौली, ऊना, कुटलैहड़ झंडुता (एससी), घुमारवी, बिलासपुर एवं नैना देवी का विधानसभा क्षेत्र शामिल है. क्षेत्र में 1680 मतदान केन्द्र हैं. यहां मतदाताओं की संख्या 12,29,247 है जिसमें 6,06,657 पुरुष और 5,99,728 महिलाएं हैं.

नरेन्द्र शर्मा
एसएनबी


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