छग : मुख्यमंत्री बघेल ने बजट पेश किया, नए कर का प्रावधान नहीं
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने दूसरी बार मंगलवार को सदन में वर्ष 2020-21 के लिए 102,907 करोड़ रुपये का बजट प्रस्तुत किया। इस बजट में सभी वर्गो के विकास और कल्याण की बात कही गई है। बजट में किसी नए कर का प्रावधान नहीं है।
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल |
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बजट को सभी वर्गो के लिए समर्पित बताया। उन्होंने कहा, "यह बजट सर्वेभवन्तु सुखिन: सर्वे सन्तु निरामया: की भावना के साथ किसानों व आर्थिक रूप से कमजोर वर्गो की समृद्घि, गांवों की आर्थिक प्रगति, शिक्षा में प्रगति के नए सोपान, बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं, अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति वर्गो के विकास, युवाओं की ऊर्जा का उत्पादक संसाधन के रूप में अनुप्रयोग, शहरी एवं ग्रामीण अधोसंरचना के सुदृढ़ीकरण तथा संवेदनशील प्रशासन की अवधारणा के साथ छत्तीसगढ़ की जनता को समर्पित है।"
उन्होंने कहा, "यह बजट मुख्य रूप से गढ़बो नवा छत्तीसगढ़, स्वस्थ एवं सुपोषित नई युवा पीढ़ी का निर्माण की भावना के साथ सुपोषण, स्वास्थ्य सुविधाओं की बेहतरी एवं विस्तार तथा युवाओं की ऊर्जा का सकारात्मक एवं उत्पादक रूप में उपयोग कर उनके राज्य को सशक्त संसाधन के रूप में विकसित करने पर केंद्रित है।"
बघेल ने कहा कि बजट में प्रावधान किया गया है कि आईआईटी, आईआईएम एवं एम्स जैसे राष्ट्रीय स्तर के शैक्षणिक संस्थानों में प्रवेश लेने वाले राज्य के युवाओं के शिक्षण शुल्क का भार शासन द्वारा वहन किया जाएगा। ऐसे युवाओं की प्रतिभा का राज्य के विकास में उपयोग करने के लिए शासकीय, अर्धशासकीय संस्थानों में सीधे चयन की पात्रता दी जाएगी।
इसी तरह बजट में राज्य के सभी परिवारों को पीडीएस प्रणाली में शामिल किया गया है। एपीएल कार्ड धारकों को भी अब 10 रुपए प्रति किलो चावल दिया जाएगा। इसमें राज्य के 56 लाख कार्ड धारकों को फायदा होगा। अनुसूचित जनजाति बाहुल्य इलाकों के प्रति परिवार महीने में दो किलो चना दिया जाएगा।
वहीं, बस्तर में प्रति परिवार दो किलो गुड़ मुफ्त में दिया जाएगा। मुख्यमंत्री सुपोषण योजना को पूरे राज्य में शुरू करने की घोषणा भी की गई है। अभी तक यह सिर्फ बस्तर इलाके तक ही सीमित था। इसमें गर्भवती महिलाओं और बच्चों को पोषण आहार उपलब्ध कराया जाएगा।
बघेल द्वारा पेश किए गए बजट वर्ष 2020-21 में कोई नया कर प्रस्तावित नहीं है। उनका कहना है कि यह बजट पूर्णत: जन कल्याण को समर्पित है।
उन्होंने कहा, "केंद्र सरकार ने कहा कि किसानों को बोनस नहीं दे सकते। लेकिन हम किसानों को धान का मूल्य 2500 रुपये देने के लिए प्रतिबद्ध हैं।"
उन्होंने आगे कहा, "समर्थन मूल्य से अंतर की राशि 'राजीव गांधी किसान न्याय योजना' के अंतर्गत देंगे। किसानों का हित सवरेपरि है।"
| Tweet |