छत्तीसगढ़ : लगभग सात हजार किसानों के खेतों में लगा सोलर सिंचाई पम्प

Last Updated 29 Apr 2017 04:32:24 PM IST

छत्तीसगढ़ में सौर सुजला योजना के तहत अब तक लगभग सात हजार किसानों के खेतों में सोलर सिंचाई पम्प लगाया गया है.


सोलर सिंचाई पम्प (फाइल फोटो)

आधिकारिक सूत्रों ने शनिवार को रायपुर में बताया कि छत्तीसगढ़ के किसानों को खेती के लिए अब मुफ्त बिजली मिल रही है. राज्य में सौर सुजला योजना के तहत छह महीने के भीतर अब तक लगभग सात हजार किसानों के खेतों में सोलर सिंचाई पम्प लगाए जा चुके हैं.

अधिकारियों ने बताया कि राज्य सरकार ने लगभग छह महीने पहले छत्तीसगढ़ राज्य निर्माण की सोलहवीं वषर्गांठ के अवसर पर एक नवम्बर को इस योजना की घोषणा की थी. योजना का शुभारंभ नया रायपुर में आयोजित राज्योत्सव के राज्य स्तरीय समारोह में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा किया गया था.

पिछले वित्तीय वर्ष 2016-17 में इस योजना में ग्यारह हजार किसानों को इस योजना से जोड़ने का लक्ष्य तय किया गया था. योजना प्रारंभ होने के छह महीने की अवधि में छह हजार 988 किसानों के खेतों में सोलर सिंचाई पम्प स्थापित किया जा चुका है.

जबकि शेष चार हजार 12 किसानों के स्वीकृत प्रकरणों में इस वर्ष जून माह के पहले यह कार्य पूर्ण करने का लक्ष्य है.

उन्होंने बताया कि राज्य सरकार पिछले करीब आठ साल से (वर्ष 2009 से) कृषक जीवन ज्योति योजना का संचालन कर रही है. इस योजना के तहत तीन हॉर्स पावर तक सिंचाई पम्पों के लिए छह हजार यूनिट और तीन से पांच हॉर्स पावर तक सिंचाई पम्पों के लिए 7500 यूनिट बिजली किसानों को हर साल मुफ्त दी जा रही है.



इसी कड़ी में करीब छह महीने पहले शुरू की गई सौर सुजला योजना में किसानों को पूरी बिजली बिल्कुल मुफ्त मिल रही है.

छत्तीसगढ़ राज्य अक्षय ऊर्जा विकास अभिकरण (क्रेडा) के अधिकारियों ने बताया कि इस योजना में अनुसूचित जाति और आदिवासी वर्ग के किसानों को साढ़े तीन लाख रूपए कीमत का तीन हार्स पावर का सिंचाई पम्प मात्र सात हजार रूपए में दिया जा रहा है.

वहीं अन्य पिछड़े वर्ग के किसानों को यह सिर्फ बारह हजार रूपए में और सामान्य वर्ग के किसानों को केवल 18 हजार रूपए में देने का प्रावधान किया गया है. अधिकारियों ने बताया कि पांच हॉर्स पावर का सोलर सिंचाई पम्प जिसकी बाजार में कीमत साढ़े चार लाख रूपए है, वह आदिवासी और अनुसूचित जाति के किसानों को मात्र दस हजार रूपए में, अन्य पिछड़े वर्ग के किसानों को सिर्फ 15 हजार रूपए में और सामान्य वर्ग के किसानों को मात्र 20 हजार रूपए में मंजूर किया जा रहा है.

उन्होंने बताया कि विद्युत विहीन खेतों में सौर सिंचाई पम्पों को बढ़ावा देना और किसानों को नि:शुल्क बारह मासी बिजली उपलब्ध कराना इस योजना का मुख्य उद्देश्य है. मुख्यमंत्री रमन सिंह ने चालू वित्तीय वर्ष 2017-18 में इस योजना के तहत 20 हजार किसानों को सोलर सिंचाई पम्प देने की घोषणा की है. उन्होंने इसके लिए बजट में 554 करोड़ रूपए का प्रावधान किया है.

भाषा


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