सहायता नहीं सम्मान चाहिए : शहीद की पत्नी

Last Updated 27 Apr 2017 03:57:42 PM IST

छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले में नक्सलवादियों के हमले में शहीद हुए केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के जवान अभय कुमार की पत्नी तान्या का कहना है कि उनके पति ने लोगों की सुरक्षा के लिए पीठ में नहीं, सीने में गोली खाई है. इसलिए उन्हें सरकारी सहायता नहीं, बल्कि सम्मान चाहिए.


(फाईल फोटो)

जवान अभय कुमार की पत्नी तान्या का कहना है कि उनके पति ने लोगों की सुरक्षा के लिए पीठ में नहीं, सीने में गोली खाई है. इसलिए उन्हें सरकारी सहायता नहीं, बल्कि सम्मान चाहिए. इस परिवार ने बुधवार को बिहार सरकार द्वारा दिए गए पांच लाख रुपये का चेक लेने से इनकार कर दिया था.

पति की मौत से सुधबुध खो चुकीं तान्या ने आईएएनएस से कहा, "मुझे अपने पति पर गर्व है और रहेगा. उन्होंने देश के लिए अपने प्राण की आहुति दी है. उन्हें इसके लिए किसी सरकार से सहायता नहीं, सम्मान चाहिए."

इधर, शहीद की मां रमा देवी का भी रो-रोकर बुरा हाल है. वह कहती हैं, "मैंने बड़े जतन से अभय का लालन-पालन किया था और जब वह सहारा देने लायक हुआ तो भारत माता ने उसे अपनी गोद में सुला लिया."

छत्तीसगढ़ में सोमवार को हुए नक्सली हमले में शहीद हुए 25 जवानों में बिहार के छह जवान भी शामिल थे. इन सभी जवानों का अंतिम संस्कार बुधवार को उनके पैतृक गांवों में राजकीय सम्मान के साथ कर दिया गया.

अभय के परिजनों का कहना है, "हमने बिहार सरकार द्वारा शहीदों के लिए घोषित पांच लाख रुपये की मुआवजा राशि का चेक लेने से इनकार कर दिया. इतनी छोटी सी राशि देश के दुश्मनों से लड़ते हुए अपना जीवन कुर्बान करने वाले जवान का सम्मान है या अपमान?"

शहीद अभय के परिवार के अन्य सदस्यों ने कहा कि राज्य सरकार सड़क दुर्घटना में या जहरीली शराब पीकर मरने वाले लोगों के परिवार वालों को मुआवजे के रूप में चार लाख रुपये देती है.

शहीद के भाई अजय चौधरी खुद सीआरपीएफ में हैं. उन्होंने गुरुवार को आईएएनएस से कहा कि उनके परिवार के तीन सदस्य सेना में हैं. ऐसे परिवार को ऐसा सम्मान दिया जाना चाहिए कि यह देखकर आने वाली पीढ़ी भी सेना में जाने के लिए उत्सुक हो.

सैन्य जवानों का परिवार मुख्यमंत्री या सरकार के किसी मंत्री के अब तक सांत्वना देने नहीं पहुंचने से नाराज हैं.

शहीद के एक अन्य भाई पवन चौधरी आईटीबीपी में कार्यरत हैं. उन्होंने कहा कि कितने दुख की बात है कि शहीद के परिवार को आज सम्मान पाने के लिए अपनी बात कहनी पड़ रही है.

उन्होंने कहा, "मेरा परिवार राजनीति की बात नहीं करना चाहता, लेकिन एक शहीद के परिवार को सहायता नहीं, सम्मान चाहिए."

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सुकमा में नक्सली हमले में शहीद हुए राज्य के जवानों को पांच-पाच लाख रुपये की मुआवजा राशि देने की घोषणा की है.

इस बीच, गांव वाले भी शहीद परिवार की मदद के लिए दिल खोलकर आगे आए हैं. गांव के ही एक चिकित्सक डॉ़ अजय कुमार ने शहीद के परिजनों को एक लाख रुपये का चेक सौंपा है और शहीद की पत्नी को अपने एक निजी स्कूल में जीवनर्पयत बतौर शिक्षिका नौकरी देने का आश्वासन दिया है.



उधर, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता सुशील कुमार मोदी भी सरकार द्वारा घोषित पांच लाख रुपये की सहायता राशि को अन्य राज्यों के समतुल्य करने की मांग की है. उन्होंने कहा कि शहीदों को सम्मान तो मिलना ही चाहिए.

उल्लेखनीय है कि मंगलवार की रात जब इन शहीदों का पार्थिव शरीर पटना हवाईअड्डे पर पहुंचा था, तब भी वहां न मुख्यमंत्री नीतीश पहुंचे थे और न ही उनके मंत्रिमंडल का कोई सदस्य उपस्थित था.

पिछले वर्ष जम्मू एवं कश्मीर के उड़ी में पाकिस्तान की ओर से किए गए हमले में शहीद हुए बिहार के ही एक जवान के परिवार वालों ने भी पांच लाख रुपये की मदद स्वीकार करने से इनकार कर दिया था.

आईएएनएस


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