छत्तीसगढ़ : अवैध अस्पतालों और नर्सिंग होम्स के खिलाफ कानूनी कार्रवाई का अभियान शुरू
छत्तीसगढ़ सरकार ने पिछले तीन दिनों से अवैध अस्पतालों और नर्सिंग होम्स के खिलाफ कानूनी कार्रवाई का अभियान शुरू किया है. इसके तहत अब तक साढ़े चार हजार से ज्यादा प्रकरणों में कार्रवाई की गई है.
स्वास्थ्य सेवाओं के संचालक आर. प्रसन्ना (फाइल फोटो) |
इनमें 3,761 प्रकरण क्लीनिकों के 231 प्रकरण पैथोलॉजी लैबों के हैं. इसके अलावा 604 अन्य प्रकरणों में भी कार्रवाई की गई है. ये कार्रवाई नर्सिंग होम एक्ट, 2010 और नियम 2013 तथा इंडियन मेडिकल काउंसिल एक्ट, 1956 के प्रावधानों के तहत की गई.
स्वास्थ्य सेवाओं के संचालक आर. प्रसन्ना ने बताया, \'नर्सिंग होम एक्ट, 2010 तथा इसके अंतर्गत नियम 2013 में उल्लेखित प्रावधानों के तहत संचालित क्लीनिक, पैथोलॉजी लैब, नर्सिंग होम को लाइसेंस दिए जा रहे हैं. इन प्रावधानों के तहत एलोपैथिक, आयुर्वेदिक, होम्योपैथिक, यूनानी तथा प्राकृतिक चिकित्सा (सिद्ध, योग) में पंजीकृत डॉक्टरों को लाइसेंस मिल सकता है.\'
इन चिकित्सा विधाओं में प्रशिक्षित डॉक्टर केवल अपनी ही चिकित्सा पद्धति में उपचार के लिए योग्य हैं. इन चिकित्सकों का दूसरी विधाओं में चिकित्सा करना प्रावधानों के विपरीत है.
उन्होंने बताया, \'विभिन्न विधाओं में प्रशिक्षित चिकित्सकों के द्वारा चिकित्सकीय कार्य निरंतर रूप से जारी है. कानूनी प्रावधानों के तहत संचालित अस्पतालों और नर्सिंग होम के विरुद्ध किसी भी प्रकार की कार्रवाई नहीं की जा रही है.
नियम विरुद्ध संचालित जिन संस्थाओं के खिलाफ कार्रवाई की गई है, उनमें अगर कोई व्यक्ति अपील करना चाहे तो वह संचालक, स्वास्थ्य सेवाओं से अपील कर सकता है.\'
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