छत्तीसगढ़ : सरोगेसी से मां बनने वाली कर्मचारी को भी मातृत्व अवकाश की पात्रता

Last Updated 10 Jan 2017 04:44:02 PM IST

छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय ने एक महत्वपूर्ण फैसले में कहा है कि सरोगेसी प्रकिया के माध्यम से मां बनने वाली शासकीय महिला कर्मचारी को सरकार के नियमानुसार मातृत्व अवकाश की पात्रता है.




(फाइल फोटो)

न्यायमूर्ति संजय के अग्रवाल की एकलपीठ ने दुर्ग जिले की एक व्याख्याता साधना अग्रवाल की याचिका स्वीकार करते हुए कहा कि प्राकृतिक, बायोलॉजिकल तथा सरोगेसी प्रक्रिया के माध्यम से मां बनने पर इनमें भेदभाव नहीं किया जा सकता. संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत मातृत्व तथा बच्चे को बेहतर विकास का अधिकार भी शामिल है.

एकलपीठ ने अपने फैसले में देश की शीर्ष अदालत के कुछ फैसलों का हवाला देते इस मामले में जुड़वां बच्चे की मां बनने वाली याचिकाकर्ता के मातृत्व अवकाश के आवेदन को खारिज करने को पूरी तरह अनुचित बताया.

याचिका में कहा गया कि उन्होंने शादी के 26 साल तक नि:संतान रहने के कारण पति के साथ मिलकर सरोगेसी प्रक्रिया के माध्यम से मां बनने का निर्णय लिया. गत 27 मार्च को इंदौर के एक अस्पताल में सेरोगेट मां ने जुड़वा बच्चों को जन्म दिया, जिन्हें याचिकाकर्ता को तत्काल सौंप दिया गया. इस पर आठ लाख रुपये खर्च हुए.

याचिकाकर्ता ने घर लौट कर मातृत्व अवकाश के लिए आवेदन दिया, लेकिन चार महीने बाद उनका आवेदन निरस्त करते हुए कहा गया कि सरोगेसी से मां बनने वालों के लिए मातृत्व अवकाश के लिए कोई नियम नहीं है.

वार्ता


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