छत्तीसगढ़ में मनरेगा के 11 अधिकारी-कर्मचारियों की सेवा समाप्त

Last Updated 22 Mar 2015 03:54:08 PM IST

छत्तीसगढ के राजनांदगांव के कलेक्टर मुकेश बंसल ने मनरेगा के तहत कार्यरत 11 संविदा अधिकारी-कर्मचारियों की सेवा समाप्ति के आदेश दिए हैं.


11 अधिकारी-कर्मचारियों की सेवा समाप्त (फाइल फोटो)

कलेक्टर कार्यालय की ओर से जारी एक आदेश के मुताबिक महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार योजना (मनरेगा) के अंतर्गत मानपुर के कार्यक्रम अधिकारी प्रशांत मेश्राम, अम्बागढ़ चौकी के कार्यक्रम अधिकारी आशीष कुमार कुमरे, छुईखदान के कार्यक्रम अधिकारी युगल किशोर तिवारी, सहायक प्रचार-प्रसार अधिकारी श्याम श्रीवास्तव, जिला पंचायत में कार्यरत डाटा एन्ट्री आपरेटर अर्चना ठाकुर, जनपद पंचायत राजनांदगांव में कार्यरत डाटा एन्ट्री आपरेटर सतीष मालेकर, जिला पंचायत में कार्यरत सहायक प्रोग्रामर फैसल जमीर खान, जनपद पंचायत डोंगरगढ़ में कार्यरत सहायक प्रोग्रामर जी. रामा जोगा राव, जिला पंचायत में कार्यरत लेखापाल विशाल कुमार हरिहारनों एवं लेखापाल दानेर कुमार देवांगन तथा डाटा एन्ट्री ऑपरेटर प्रफुल्ल कुमार बहेकर की सेवा समाप्ति के आदेश दिए हैं.

कलेक्टर ने इन अधिकारी-कर्मचारियों द्वारा नौ मार्च से हड़ताल पर जाने की सूचना देकर लगातार अनुपस्थित रहकर शासकीय कार्य निष्पादित नहीं करने के कारण सेवा समाप्ति की कार्रवाई की है.

तबादला आदेश नहीं मानने पर 127 निलंबित

छत्तीसगढ़ सरकार ने तबादला आदेश का पालन नहीं करने पर राजस्व विभाग के 127 अधिकारियों और कर्मचारियों को निलंबित कर दिया है.

राजस्व विभाग द्वारा जारी आदेश में निलंबित होने वालों में छह तहसीलदार, पांच नायब तहसीलदार और 116 पटवारी शामिल हैं. निलम्बित अधिकारियों और कर्मचारियों पर आरोप है कि उन्होंने विभाग द्वारा पिछले वर्ष जुलाई में जारी स्थानांतरण आदेशों का पालन नहीं किया. निलम्बन की यह कार्रवाई छत्तीसगढ़ सिविल सेवा नियमों के तहत की गई है.

निलम्बित अधिकारी एवं कर्मचारी न्यायालय जाकर एकतरफा स्थगन नही ले सके इसके लिए राज्य शासन द्वारा उच्च न्यायालय बिलासपुर में केवियट याचिका दायर करने के लिए क्षेीय उपायुक्त, भू-अभिलेख बिलासपुर संभाग को प्रभारी अधिकारी नियुक्त किया है.



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