पुलिस निर्दोष आदिवासियों को फंसाकर जीरम के असली गुनाहगारों को बचाने में जुटी: कांग्रेस

Last Updated 30 Aug 2014 03:14:43 PM IST

छत्तीसगढ़ के मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस ने पुलिस पर जीरम घाटी हमले के असली गुनाहगारों को बचाने का आरोप लगाया है.


छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष भूपेश बघेल (फाइल फोटो)

कांग्रेस ने गिरफ्तार नक्सलियों के जीरम कांड में संलिप्तता के दावों पर सवाल खड़ा किया है.

छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष भूपेश बघेल ने पुलिस द्वारा पकड़े जा रहे नक्सलियों और गिरफ्तार नक्सलियों की जीरम कांड में संलिप्तता के दावों पर सवाल खड़ा करते हुए कहा है कि पुलिस पुख्ता सबूतों नहीं बल्कि बनावटी दिखावटी और सतही तकरे के आधार पर बस्तर के आदिवासियों को झूठा फंसाकर जीरम के असली गुनाहगारों के लिये बचाव का रास्ता तैयार करने में लगी है.

बघेल ने आरोप लगाया है कि पुलिस फर्जी कहानियां गढ़ने में लगी है. पुलिस जिस सुखदेव नाग और मांगीराम कश्यप को विपक्ष के पूर्व नेता महेन्द्र कर्मा का हत्यारा होने का दावा कर रही है, उनमें से सुखदेव नाग दरभा का जनपद सदस्य है.

उन्होंने कहा कि यह कैसे संभव है कि बस्तर में राजनीति करने वाला कोई व्यक्ति 35 से अधिक वर्षों तक बस्तर में सक्रिय राजनीति में अनेकों बार विधायक सांसद मंत्री रहे महेन्द्र कर्मा को नहीं पहचानेगा. जीरम हमले के समय नक्सली महेन्द्र कर्मा कौन है, नंद कुमार पटेल कौन है और दिनेश पटेल कौन है जैसे सवाल कर रहे थे.

इन तथ्यों से पुलिस का दावा संदेहास्पद हो जाता है. अगर सुखदेव नाग जैसे राजनीति में सक्रिय लोग हमलावरों में होते तो उन्हें महेन्द्र कर्मा कौन है, यह पूछने की आवश्यकता नहीं पड़ती.        

बघेल ने कहा कि पुलिस ने खाना बनाने वाली मंजूला चैतराम को भी खूंखार नक्सली होने का दावा किया है. जीरम हमले के समय कई कांग्रेस के कार्यकर्ता और अन्य लोग भी घटना स्थल में मौजूद थे लेकिन पुलिस ने सुखदेव नाग सहित गिरफ्तार नक्सलियों की उनसे शिनाख्त नहीं करवाई है.

कांग्रेस नेता ने आरोप लगाया कि लगातार फर्जी नक्सली प्रस्तुत करने का जो काम पुलिस कर रही है, उससे पुलिस की कार्यशैली पर शंका की पुष्टि हो गयी है. पुलिस के द्वारा नक्सली बनाकर पकड़े जा रहे लोग निश्चित रूप से भोले भाले मजदूर आदिवासी है. पुलिस ने पेड़ काटने वाले और खाना बनाने वाले आदिवासियों को नक्सली बना दिया है. बस्तर पुलिस ने चैतराम सलाम और मंजुला रजनी को नक्सली बनाकर गिरफ्तार किया है. पुलिस ने खुद उजागर किया है कि जीरम घाटी हमले में जो नक्सली पकड़े गये है उनमें से एक महिला खाना पकाने वाली थी.

बघेल ने आरोप लगाया कि जीरम घाटी की घटना एक राजनैतिक अपराधिक षड़यंत्र है, जिसे ढकने के लिये फिर से षड़यंत्र किये जा रहे है. कुछ चिन्हित पुलिस अधिकारियों की कार्यशैली संदेह के दायरे में रही है और अभी भी संदेह के दायरे में है.

छत्तीसगढ़ के बस्तर जिले के जीरम घाटी में पिछले वर्ष मई महीने में नक्सलियों ने कांग्रेस के परिवर्तन यात्रा पर हमला कर दिया था. इस हमले में प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष नंद कुमार पटेल, कांग्रेस नेता महेंद्र कर्मा समेत 31 लोगों की मौत हो गई थी. जीरम हमले की जांच राष्ट्रीय जांच एजेंसी कर रही है.



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