कांग्रेस सदस्यों का छत्तीसगढ़ विधानसभा अध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव खारिज

Last Updated 22 Jul 2014 05:36:23 PM IST

छत्तीसगढ़ विधानसभा में मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस के द्वारा विधानसभा अध्यक्ष गौरीशंकर अग्रवाल के खिलाफ सोमवार को दिए अविश्वास संकल्प को अध्यक्ष ने उसके नियमानुसार नहीं होने का हवाला देते हुए खारिज कर दिया.


(फाइल फोटो)

इस मसले पर संकल्प खारिज होने के बाद भी गतिरोध बना हुआ है. सत्ता पक्ष के सदस्यों ने इसके बाद अध्यक्ष के प्रति कांग्रेस सदस्य भूपेश बघेल की ओर से सोमवार को की गई टिप्पणियों के लिए क्षमा मांगने की मांग को लेकर जमकर हंगामा और नारेबाजी की.  

अध्यक्ष अग्रवाल ने नियम 145 ए के तहत दी गई संकल्प सूचना पर मंगलवार को दी गई अध्यक्षीय व्यवस्था में कहा कि संविधान के अनुच्छेद 179 के खण्ड ग के तहत विधानसभा अध्यक्ष को हटाने के लिए संकल्प तब तक प्रस्तावित नहीं किया जा सकता जबकि उसे प्रस्तावित करने की सूचना कम से कम 14 दिन पूर्व नहीं दी गई हो.

उन्होंने अध्यक्षीय व्यवस्था में आगे कहा कि मौजूदा विधानसभा सत्र 21 जुलाई से 25 जुलाई तक आहूत किया गया है. इस कारण अध्यक्ष को पद से हटाने का सोमवार को दिया गया संकल्प अनुच्छेद 179 ग की पूर्ति नहीं करता. इस कारण इसे वर्तमान सत्र की कार्य सूची में शामिल नहीं किया जा सकता. उन्होंने कहा की ऐसी स्थिति में संकल्प विचार के योग्य नहीं है.

अध्यक्ष की व्यवस्था के बाद सत्ता पक्ष के सदस्यों ने बघेल की ओर से सोमवार को अध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास व्यक्त करने को लेकर उनसे खेद व्यक्त करने की मांग को लेकर जमकर हंगामा नारेबाजी की. उन्होंने कहा कि बघेल को अध्यक्ष से खेद व्यक्त करना चाहिए और अपने शब्द वापस लेना चाहिए.

वरिष्ठ मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि बघेल को अध्यक्ष से माफी मांगनी चाहिए. उनके कथन से सदन का अपमान हुआ है.

उन्होंने कहा कि सदन का सम्मान बढ़ाने के लिए बघेल को शब्द वापस लेना चाहिए. अग्रवाल ने कहा कि यह प्रकरण सदन की गरिमा से जुड़ा है. देश में छत्तीसगढ़ विधानसभा की गरिमा गिराई गई है. इसके ऊपर आसंदी की ओर से व्यवस्था आनी चाहिए.

अध्यक्ष ने सदस्यों को आश्वस्त किया कि विधानसभा की बुधवार की कार्यवाही देखकर व्यवस्था बाद में देंगे पर भाजपा सदस्य तुरन्त व्यवस्था देने की मांग करते रहे. संसदीय कार्य मंत्री अजय चन्द्राकर ने कहा कि अगर आसंदी की ओर से बघेल की टिप्पणी पर व्यवस्था नहीं आती है तो हम सदन को नहीं चलने देंगे.

विधानसभा में यह शायद पहला मौका था जबकि सत्त पक्ष के सदस्यों ने अपनी मांग को लेकर सदन का कार्यवाही को व्यवधान उत्पन्न किया.

राजस्व मंत्री प्रेमप्रकाश पांडेय ने कहा कि आसंदी की अवमानना हुई है सदन में 52 नए सदस्य चुनकर आए हैं उन पर भी इसका गलत प्रभाव पड़ेगा. भाजपा सदस्य बार बार अध्यक्ष पर इस मसले पर व्यवस्था देने की मांग करते रहे. आखिरकार एक बार अध्यक्ष व्यवस्था देने के लिए खड़े भी हुए लेकिन जैसे की उन्होंने व्यवस्था देना शुरू किया कांग्रेस सदस्य जोरदार नारेबाजी करने लगे. इस पर अध्यक्ष पूरी बात कहे ही आसन पर बैठ गए. 

इस मसले को इससे पूर्व सदन की कार्यवाही आज शुरू होते ही कांग्रेस सदस्य भूपेश बघेल ने उठाते हुए अध्यक्ष से 145 ए के तहत दी गई संकल्प सूचना पर व्यवस्था देने की मांग की. संसदीय कार्य मंत्री अजय चन्द्राकर ने इसका विरोध करते हुए कहा कि बड़ी से बड़ी परिस्थिति में भी प्रश्नकाल को स्थगित नहीं किया गया है. अध्यक्ष ने कहा कि इस मसले को प्रश्नकाल के बाद देखेंगे. इसके बाद बघेल शान्त हो गए.

प्रश्नकाल खत्म होते ही बघेल ने फिर 145ए की सूचना पर व्यवस्था की मांग की. अध्यक्ष के व्यवस्था दिए जाने के बाद नेता प्रतिपक्ष टीएस सिंहदेव ने संक्षिप्त सम्बोधन में कहा कि संकल्प अत्यंत संवेदनशील परिस्थितियों में दिया गया हालांकि इसे देने के लिए 14 दिन की समय सीमा है. अध्यक्ष ने इस पर उनसे पूछा कि क्या वह संकल्प को वापस ले रहे हैं तो उन्होंने कोई उत्तर नहीं दिया.



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