'मुखिया जी' आप भी सरकार हैं : नीतीश
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने ग्राम पंचायत के मुखियाओं को 'सरकार' बताते हुए कहा कि हम लोगों ने विकेंद्रीत तरीके से काम किया है, जिससे पंचायत से लेकर नगर निकाय तक में काम बेहतर तरीके से हो पाया। उन्होंने कहा कि अब हर वार्ड पार्षद, मुखिया सभी की कद्र बढ़ गई।
![]() बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार |
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शुक्रवार को पंचायती राज विभाग, नगर विकास एवं आवास विभाग, लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग द्वारा संयुक्त रुप से आयोजित 'हर घर नल का जल' निश्चय एवं 'हर घर तक पक्की गली-नालियां' निश्चय अंतर्गत विभिन्न योजनाओं का उद्घाटन एवं लोकार्पण कार्यक्रम में प्रतिनिधियों को संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि 'हर घर नल का जल' निश्चय एवं 'हर घर तक पक्की गली-नाली' का निर्माण कार्य तेजी से पूरा होने का कारण कार्यों को विकेंद्रीकरण तरीके से कराया जाना है।
उन्होंने कहा, "इन कायरे में मुखिया जी के साथ-साथ वार्ड सदस्यों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभायी है।"
उन्होंने कहा कि वर्ष 2006-07 में शिक्षा समिति के द्वारा स्कूलों के भवनों का निर्माण कराया गया है। एक लाख से अधिक कमरों का निर्माण कराया गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा, "पंचायतों में पंचायत सरकार भवन का निर्माण कराया जा रहा है। इसे छह हिस्सों में बांटा गया है, इसका एक हिस्सा पूरा हो गया है। शेष पंचायत सरकार भवनों के निर्माण के लिए मुखिया जी को अधित किया गया है, जिन्हें राशि आवंटित की जाएगी और निर्माण कार्य की जिम्मेवारी भी उन्हीं की होगी। पंचायत भी सरकार है और इसीलिए इसे पंचायत सरकार भवन नाम दिया गया।"
उन्होंने कहा कि पंचायत सरकार भवन को ऊंचा बनाया जा रहा है, जिससे आपदा के समय इसका उपयोग किया जा सकेगा।
पंचायत के मुखियाओं को सरकार बताते हुए मुख्यमंत्री ने कहा, "मुखिया जी आप भी सरकार हैं। विकेंद्रीत तरीके से काम किया गया तो पंचायत से लेकर नगर निकाय तक काम बेहतर तरीके से हो पाया। अब हर वार्ड पार्षद, मुखिया जी सभी की कद्र बढ़ गई।"
उन्होंने कहा कि हमलोगों ने पंचायत सरकार भवन के निर्माण के लिए 15वें वित्त आयोग से अतिरिक्त राशि आवंटन की मांग की है। 14वें वित्त आयोग द्वारा सिर्फ पंचायतों के लिए राशि आवंटित कि गई थी, जिसमें प्रखंडों एवं जिला परिषद के लिए कोई राशि का प्रावधान नहीं किया गया था, लेकिन हमलोगों ने इसकी मांग की, जिसका प्रावधान 15वें वित्त आयोग में किया गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के 14 जिलों के 5085 वार्ड आर्सेनिक प्रभावित हैं, 11 जिले 3814 वार्ड लोराइड प्रभावित हैं और 12 जिले 21,598 वार्ड आयरन प्रभावित हैं।
मुख्यमंत्री के मुताबिक कुल मिलाकर 31 जिलों के 30 हजार 419 वार्ड आर्सेनिक, लोराइड एवं आयरन से प्रभावित हैं। इन सभी वाडोर्ं को शुद्घ पेयजल मुहैया कराने के लिए निंरतर काम किया जा रहा है।
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