बहुचर्चित तेजाब हत्याकांड में शहाबुद्दीन को झटका, उच्च न्यायालय ने याचिका खारिज की
पटना हाईकोर्ट ने सीवान के बहुचर्चित तेजाब हत्याकांड में राष्ट्रीय जनता दल नेता एवं पूर्व सांसद मोहम्मद शहाबुद्दीन की याचिका आज खारिज कर दी.
शहाबुद्दीन की याचिका खारिज की (फाइल फोटो) |
न्यायाधीश के.के मंडल और न्यायाधीश संजय कुमार की खंडपीठ ने यहां मामले में फैसला सुनाते हुए मोहम्मद शहाबुद्दीन की याचिका को खारिज कर दिया. मामले में निचली अदालत द्वारा पूर्व सांसद मो. शहाबुद्दीन को सुनायी गयी उम्रकैद की सजा को बरकरार रखा है.
इससे पूर्व बहुचर्चित तेजाब कांड मामले में सीवान की विशेष अदालत ने 11 दिसंबर 2015 को ही सजा सुनाई थी. अदालत ने हत्याकांड में मोहम्मद शहाबुद्दीन के साथ-साथ राजकुमार साह, मुन्ना मियां एवं शेख असलम को भी उम्रकैद की सजा सुनाई थी. निचली अदालत के फैसले को चुनौती देते हुए मो.शहाबुद्दीन के वकीलों ने उच्च न्यायालय में एक याचिका दायर की थी.
इस मामले में पूर्व सांसद इस समय दिल्ली के तिहाड़ जेल में बंद हैं. मो. शहाबुद्दीन को निचली कोर्ट द्वारा उम्र कैद की सजा सुनायी गयी थी.
गौरतलब है कि बिहार के सीवान के कारोबारी चंदा बाबू के दो बेटों गिरीश राज उर्फ निक्कू और सतीश राज उर्फ सोनू को 16 अगस्त 2004 को शहाबुद्दीन के कथित इशारे पर अगवा कर तेजाब डालकर उनकी हत्या कर दी गई थी.
इस घटना के बाद 16 जून 2014 को सीवान के डीएवी स्कूल मोड़ के समीप इस मामले के चश्मदीद गवाह चंदा बाबू के तीसरे बेटे राजीव की भी गोली मारकर हत्या कर दी गई थी.
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