एक साथ चुनाव क्षेत्रीय दलों के लिए खतरनाक : लालू
राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के अध्यक्ष लालू प्रसाद ने लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक साथ कराए जाने के नीति आयोग के प्रस्ताव को नकारते हुए कहा कि यह प्रस्ताव क्षेत्रीय दलों के लिए \'खतरनाक\' है. देश तानाशाही की ओर जा रहा है.
राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद (फाइल फोटो) |
बिहार के मुख्यमंत्री और जनता दल (युनाइटेड) के अध्यक्ष नीतीश कुमार के गृह जिला नालंदा के राजगीर में राजद के तीन दिवसीय राष्ट्रीय प्रशिक्षण शिविर का मंगलवार को उद्घाटन करने के बाद लालू ने कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा, "देश में चुनाव का एक खतरनाक डिजायन तैयार कराया जा रहा है."
उन्होंने लोकसभा और विधानसभा का चुनाव एक साथ कराए जाने के नीति आयोग के प्रस्ताव को नकारते हुए कहा कि यह प्रस्ताव क्षेत्रीय दलों को खत्म करने की कवायद है.
लालू ने कहा, "देश पूरी तरह तानाशाही की ओर जा रहा है. केंद्र सरकार सांसद और विधायक के पदों को मटियामेट करना चाहती है."
राजगीर के अंतर्राष्ट्रीय कन्वेंशन हॉल में शुरू इस शिविर में पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी, उपमुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव, स्वास्थ्य मंत्री तेजप्रताप यादव, प्रदेश अध्यक्ष रामचंद्र पूर्वे सहित पार्टी के तमाम नेता शिरकत कर रहे हैं.
राजद के अध्यक्ष ने एक बार फिर धर्मनिरपेक्ष दलों को एकसाथ आने पर जोर देते हुए कहा, "जिस तरह बिहार में महागठबंधन बनाकर हमने भाजपा को यहां से भगा दिया, उसी तरह राष्ट्रीय स्तर पर महागठबंधन बनाकर भाजपा और आरएसएस को खदेड़ देंगे."
उन्होंने राजद के कार्यकर्ताओं में जोश भरते हुए कहा, "कार्यकर्ता मनोबल ऊंचा रखें और सजग रहें. भाजपा के हाथों में देश सुरक्षित नहीं है."
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर तंज कसते हुए लालू ने कहा, "रोज पाकिस्तान हमारे जवानों को मौत के घाट उतार रहा है. कल ही जम्मू-कश्मीर में हमारे जवानों का शव क्षत-विक्षत कर दिया गया. अब 56 इंच के सीना वाले कहां गए? उनकी ताकत तो दिख ही रही है!"
इस प्रशिक्षण शिविर के अंतिम दिन यानी चार मई को राजद राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक भी होगी.
प्रशिक्षण शिविर में राजद कार्यकताओं को अगामी लोकसभा चुनाव के लिए अभी से तैयार रहने का संदेश भी दिए जाने की संभावना है. इस शिविर में महागठबंधन में चल रही राजनीतिक उठापटक सहित अन्य मुद्दों पर भी चर्चा होने के आसार हैं.
वैसे, नीतीश के गढ़ माने जाने वाले नालंदा में राजद के इस शिविर को लेकर कई तरह के सवाल भी उठ रहे हैं. पहले यह शिविर बोधगया में आयोजित होना था, लेकिन अंतिम समय में इसे राजगीर में आयोजित किया गया.
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