बिहार में सुरेश प्रभु ने किया रेल की विभिन्न परियोजनाओं का उद्घाटन

Last Updated 18 Apr 2017 07:42:32 AM IST

रेल मंत्री सुरेश प्रभाकर प्रभु ने सोमवार को रेल भवन में वीडियों कांफ्रेंसिंग के माध्यम से आदर्श स्टेशन व सलौना में यात्री सुविधा सहित रेलवे की कई परियोजनाओं का उद्घाटन किया.




रेल मंत्री सुरेश प्रभाकर प्रभु (फाइल फोटो)

रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने बिहार के हाजीपुर-बछवाड़ा रेलवे लाइन का दोहरीकरण, समस्तीपुर-दरभंगा रेलवे लाइन का दोहरीकरण पतरातु (धनबाद)- सोन नगर रेलवे लाइन का दोहरीकरण कार्य का उद्घाटन किया. इस अवसर पर रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष एके मित्तल तथा बोर्ड के अन्य सदस्य और वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे.

हाजीपुर-बछवाड़ा लाइन 72 किलोमीटर लंबी है, जिसके दोहरीकरण की स्वीकृति 2015-16 के दौरान मिली थी और इसकी स्वीकृत लागत 678.54 करोड़ रुपये है.

हाजीपुर-बछवाड़ा सेक्शन पूर्व मध्य रेलवे के हाजीपुर-बरौनी उच्च घनत्व मार्ग पर है और यह एनएफ क्षेत्र की ओर यातायात आवाजाही के लिए वैकल्पिक सबसे छोटा मार्ग है. रखरखाव ब्लॉकों के साथ इसका यातायात उपयोग 120.45 प्रतिशत है.

हाजीपुर-बछवाड़ा के बीच दोहरीकरण से क्षमता बाधाएं दूर होंगी और यातायात बढ़ेगा. यह परियोजना इरकॉन लागू कर रही है. भूकार्य, छोटे और बड़े पुलों के लिए निविदा स्वीकृत कर दी गई है.

समस्तीपुर-दरभंगा लाइन 38 किलोमीटर लंबी है, जिसे 2015-16 में स्वीकृति मिली थी. और इसकी स्वीकृत लागत 491.01 करोड़ रुपये है.

समस्तीपुर-दरभंगा सेक्शन समस्तीपुर-नरकटियागंज मार्ग पर है और यह गोरखपुर से एनएफ क्षेत्र की ओर यातायात आवाजाही के लिए सबसे छोटा मार्ग है. रखरखाव ब्लॉकों के साथ इसका यातायात उपयोग 235 प्रतिशत है.

समस्तीपुर-दरभंगा के बीच दोहरीकरण से क्षमता बाधाएं दूर होंगी और यातायात बढ़ेगा. यह परियोजना पूर्व मध्य रेलवे लागू कर रहा है. भूकार्य और 15 किलोमीटर तक छोटे और बड़े पुलों के लिए एजेंसी का निर्धारण कर दिया गया है.



पतरातु (धनबाद)-सोननगर लाइन की लंबाई 291 किलोमीटर है, जिसे 2016-17 में स्वीकृति मिली थी और इसकी स्वीकृति लागत 3406.16 करोड़ रुपये है. यह परियोजना झारखंड के रामगढ़, हजारीबाग, लातेहार, पलामू तथा गढ़वा जिलों तथा बिहार के औरंगाबाद जिले को कवर करेगी. इस योजना से अनाज, लौह-अयस्क, कोयला, उरवर्क, सीमेंट तथा चीनी की आवाजाही हो सकेगी.

सोन नगर-पतरातु (धनबाद) के बीच तीसरी लाइन परियोजना को दिसंबर 2016 में मंजूरी दी गई. इसकी लागत 3406.16 करोड़ रुपये है. आरवीएनएल द्वारा इसे लागू किया जा रहा है. रांची और मुगलसराय में आरवीएनएल की दो परियोजना क्रियान्वयन इकाइयां स्थापित की गईं हैं. निविदा आमंत्रित करने के लिए योजना बनाने का कार्य किया जा रहा है.

आईएएनएस


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