बिहार का 2017.18 के लिए 1.60 लाख करोड रूपये का बजट पेश

Last Updated 28 Feb 2017 01:18:07 PM IST

बिहार सरकार ने बिना कोई नया कर लगाए वित्तीय वर्ष 2017.18 के लिए 1.60 लाख करोड रूपये का बजट पेश किया.


(फाइल फोटो)

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की उपस्थिति में वित्तमंत्री अब्दुल बारी सिद्दीकी ने आज राज्य विधानसभा में वित्तीय वर्ष 2017.18 के लिए 1,60,085.69 करोड रुपये का बजट पेश किया और कहा कि नया बजट पिछले साल के मुकाबले 15,389.42 करोड़ रपये अधिक है.

राज्य का पिछले वित्त वर्ष का बजट 1,44,696.27 करोड रुपये का था.
  
सिद्दीकी ने कहा कि हर बजट की अपनी प्राथमिकता होती है. इस बजट में विकास, गरीबी उन्मूलन और वित्तीय स्थायित्व को प्राथमिकता दी गई है.
  
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार के सात निश्चय वाले अधिकांश कार्यक्रम मात्र एक साल के भीतर धरातल पर दिखने लगे हैं.
  
सिद्दीकी ने कहा कि वित्तीय वर्ष 2017-18 में चौथी श्रेणी के कर्मचारियों के लिए आवास की व्यवस्था प्राथमिकता के आधार पर होगी. उन्होंने कहा कि कार्यरत सेवानिवृत्त कर्मचारियों के लिए प्रभावकारी स्वास्थ्य योजना लागू की जाएगी.
  
वित्तीय वर्ष 2017-18 में 18,112.00 करोड रुपये का राजकोषीय घाटा रहने का अनुमान है जो सकल राज्य घरेलू उत्पाद 6,32,180.00 करोड रुपये के मुकाबले 2.87 प्रतिशत है.
  
सिद्दीकी ने कहा कि केंद्र सरकार ने कई नीतिगत निर्णय लिए हैं. इनका भी काफी असर राज्य की अर्थव्यवस्था और समूचे तंत्र पर पड़ा है.
  
उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार की प्रतिकूल नीतियों यथा विशेष राज्य का दर्जा नहीं दिए जाने, फंड शेयरिंग का पैटर्न बदल देने, विशेष पैकेज नहीं देने और नोटबंदी के झंझावात के बावजूद राज्य सरकार का उत्साह बना रहा. ‘हम चांद और सूरज की बात नहीं करते, दीये की बात करते हैं, यह आम आदमी के जुझारुपन का प्रतीक है.’

सिद्दीकी ने कहा, ‘अगर केंद्र सरकार की ओर से मदद यथा माननीय प्रधानमंत्री द्वारा घोषित विशेष पैकेज मिला होता, केंद्र द्वारा राष्ट्रीय योजनाओं का जो फंडिंग पैटर्न बदला है उसमें बिहार जैसे गरीब राज्यों के लिए कुछ विशेष व्यवस्था की गयी होती तथा बिहार को विशेष राज्य का दर्जा मिला होता तो मेरे बजट में चार चांद लग सकते थे.’
  
उन्होंने कहा कि पिछले एक साल के दौरान देश, दुनिया अर्थव्यवस्था में काफी उथल-पुथल हुई है. इसका असर सभी जगह दिख रहा है और आम आदमी महसूस कर रहा है. नोटबंदी के कारण भी अर्थव्यवस्था में कुछ दिक्कतें आयीं हैं.

‘हमारी और आपकी जिंदगी में ऐसा दौर कभी नहीं आया होगा जब 100 दिनों तक बाजार में रूपये की किल्लत हो. हमारी 94 प्रतिशत व्यवस्था रूपये पर चलती है. हम अभी प्लास्टिक मनी और डिजीटल लेनदेन को नहीं अपना पाए हैं. ऐसी स्थिति में रोजगार, आमदनी, खर्च और दैनिक जीवन बहुत प्रभावित हुआ.’


  
बजट पेश करने के बाद पत्रकारों से बातचीत में जब यह पूछा गया कि प्रदेश में पिछले साल लागू शराबबंदी का क्या राजस्व प्राप्ति पर प्रभाव पड़ा है? जवाब में सिद्दीकी ने कहा कि दूसरे सेक्टर से हमारी आमदनी बढ़ी है.
  
उन्होंने कहा कि 1951 से लागू योजना और गैर-योजना के अलग अलग वर्गीकरण को वित्तीय वर्ष 2017.18 से समाप्त कर दिया गया फलत: राज्य सरकार ने भी इस वित्तीय वर्ष से योजना और गैर-योजना मद का विलय कर बजट लेखा कोड को राजस्व एवं पूंजीगत श्रेणी में वर्गीकृत करने का निर्णय लिया है.
 
सिद्दीकी ने कहा कि वित्तीय वर्ष 2017.18 से राज्य सरकार के व्यय वर्गीकरण स्थापना एवं प्रतिबद्ध व्यय, राज्य स्कीम, केंद्रीय प्रायोजित स्कीम और केंद्रीय क्षेत्र स्कीम के रूप में किया जाएगा.
 
उन्होंने कहा कि वित्तीय वर्ष 2017.18 में प्रमुख विभागवार वाषिर्क योजना व्यय में शिक्षा का सबसे अधिक 14,217.89 करोड रुपये :17.58 प्रतिशत: जो कि पिछली बार से ज्यादा है.

बिहार के वित्तमंत्री अब्दुल बारी सिद्दकी ने कहा कि इसी प्रकार से वित्तीय वर्ष 2017.18 के दौरान ग्रामीण विकास स्कीम व्यय 9,725.47 करोड रुपये
(12.02 प्रतिशत), ग्रामीण कार्य का 8,516.86 करोड रुपये 10.53 प्रतिशत तथा उर्जा का 6795.60 करोड रुपये (8.40 प्रतिशत), समाज कल्याण का 5949.01 करोड रूपये (7.35 प्रतिशत), पथ निर्माण का 5703.39 करोड रूपये (7.05 प्रतिशत) और स्वास्थ्य विभाग का स्कीम उद्व्यय 3567.42 करोड रूपये (4.41 प्रतिशत) होगा.
  
उन्होंने बताया कि वित्तीय वर्ष 2017-18 में केन्द्रीय क्षेत्र योजना 375.62 करोड रुपये रखे गये हैं.
  
सिद्दकी ने कहा कि वित्तीय वर्ष 2017-18 का कुल राजस्व व्यय 1,22,602.82 करोड रुपये अनुमानित किया गया है जो वित्तीय वर्ष 2016-17 के बजट अनुमान 1,09,940.78 करोड रुपये से 12,662.04 करोड रुपये अधिक है.
  
उन्होंने कहा कि वित्तीय वर्ष 2017-18 में कुल पूंजीगत व्यय 37,482.87 करोड रुपये अनुमानित किया गया है जो वित्तीय वर्ष 2016-17 के बजट अनुमान 34,755.40 करोड रुपये से 2727.38 करोड रुपये अधिक है.
  
सिद्दकी ने कहा कि वित्तीय वर्ष 2017-18 में कुल राजस्व प्राप्तियां 1,37,158.41 करोड रुपये अनुमानित है जो वित्तीय वर्ष 2016-17 के बजट अनुमान 1,24,590.24 करोड रुपये से 12,568.17 करोड रुपये अधिक है.
  
उन्होंने कहा कि वित्तीय वर्ष 2017-18 में राज्य के अपने सोतों से कर राजस्व के रुप में 32,001.12 करोड रुपये प्राप्त होने का अनुमान है जो वित्तीय वर्ष 2016-17 के बजट अनुमान 29,730.27 करोड रुपये की तुलना में 2,270.85 करोड रुपये अधिक है.
  
उन्होंने कहा कि वित्तीय वर्ष 2017-18 में राज्य को केन्द्र सरकार से केन्द्रीय करों में हिस्से के रुप में 65326.34 करोड रुपये प्राप्त होने का अनुमान है जो कि केन्द्रीय बजट के अनुरुप अंकित किया गया है. वित्तीय वर्ष 2016-17 के बजट अनुमान 58359.72 करोड रुपये से 6966.62 करोड रुपये अधिक

सिद्दकी ने कहा कि वित्तीय वर्ष 2017-18 में राज्य को केन्द्र सरकार से सहायता अनुदान के रुप में 36,956.00 करोड रुपये प्राप्त होने का अनुमान है जो वित्तीय वर्ष 2016-17 के बजट अनुमान 34142.14 करोड रुपये से 2813.86 करोड रुपये अधिक है.
  
उन्होंने कहा कि वित्तीय वर्ष वर्ष 2017-18 में राजस्व एवं पूंजीगत व्यय क्रमश: 1,22,602.82 करोड रुपये एवं 37,482.87 करोड रुपये रखा गया है जो कुल व्यय 1,60,085.69 करोड रुपये का क्र मश: 76.59 एवं 23.41 प्रतिशत है.
  
सिद्दकी ने कहा कि वित्तीय वर्ष 2017-18 में विकासात्मक एवं गैर विकासात्मक व्यय क्रमश: 1,13,067.37 करोड रुपये एवं 47018.32 करोड रुपये है जो कुल व्यय 1,60,085.69 करोड रुपये का क्र मश: 70.63 प्रतिशत एवं 29.37 प्रतिशत है.
  
उन्होंने कहा कि वित्तीय वर्ष 2017-18 में 14,555.59 करोड रुपये राजस्व बचत रहने का अनुमान है जो सकल राज्य घरेलू उत्पाद 6,32,180.00 करोड रुपये का 2.30 प्रतिशत है.
  
सिद्दकी ने कहा कि वित्तीय वर्ष 2017-18 में स्थापना एवं प्रतिबद्ध व्यय का बजट अनुमान 78,818.46 करोड रुपये है जो वित्तीय वर्ष 2016-17 के गैर योजना बजट अनुमान 72276.95 करोड रुपये से 6541.51 करोड रुपये अधिक है.
  
उन्होंने कहा कि वित्तीय वर्ष 2017-18 का वाषिर्क स्कीम का कुल बजट अनुमान 80891.61 करोड रुपये है जो वित्तीय वर्ष 2016-17 के राज्य योजना बजट अनुमान 71501.84 करोड रुपये से 9389.77 करोड रुपये अधिक है.

भाषा


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