दो साल में होगा पूरा 100 बेड का जयप्रभा मेदांता अस्पताल

Last Updated 06 May 2016 02:33:43 PM IST

लोक निजी भागीदारी के तहत जयप्रभा मेदांता अति विशिष्ट अस्पताल का कार्यारंभ मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बृहस्पतिवार को किया.


मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, प्रख्यात हदय रोग विशेषज्ञ डॉ. नरेश त्रेहान

इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि दो साल में इस सौ बेड के अस्पताल का कार्य पूर्ण कर लिया जायेगा. राज्य सरकार इसमें अपना पूर्ण सहयोगी देगी.
 
उन्होंने कहा कि  यह अस्पताल इस तरह विकसित हो कि लोगों की चिकित्सकीय समस्याएं दूर हो सके. उन्होंने डॉ. नरेश त्रेहान को एम्स, आईजीआईएमएस व पीएमसीएच के विकास हेतु अपना सुझाव समय-समय पर देने के लिए अनुरोध किया जिससे सूबे के चिकित्सकों को इन्टरनेशनल प्रोटोकॉल ऑफ ट्रीटमेंट का अच्छा प्रशिक्षण दिया जा सके.

उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की तरफ से भी नये मेडिकल कॉलेज खोले जा रहे हैं. जितना पहले से स्वीकृत हैं, उसके अलावा पांच नये मेडिकल कॉलेज खोले जायेंगे.

इसके अलावा हर जिले में जीएनएम एवं पारा मेडिकल कॉलेज, हर अनुमंडल में एएनएम कॉलेज  खोले जायेंगे ताकि लोगों के इलाज के लिये पर्याप्त संख्या में चिकित्सक एवं स्वास्थ्यकर्मी उपलब्ध हो. उन्होंने कहा कि कुछ लोग जेपी के नाम पर बवाल मचा रहे हैं. पहले दिन से यह स्पष्ट था कि अस्पताल के नाम से जयप्रभा नहीं हटाया जायेगा.

अस्पताल का पूरा नाम जयप्रभा मेदांता है. मुख्यमंत्री ने कहा कि पटना में पीएमसीएच, आईजीआईएमएस एवं अन्य सरकारी अस्पतालों की स्थिति में सुधार आया है. एम्स की स्थापना के लिए 72 एकड़ भूमि उपलब्ध करायी गयी थी। जब हम सरकार में द्मद्मआये, तब तक कार्य शुरू नहीं किया गया था. पता करने पर मालूम हुआ कि 28 एकड़ और भूमि चाहिये, सरकार ने रिकॉर्ड टाइम में इस हेतु भूमि उपलब्ध करा दिया.

इसी तरह बिहटा में उस वक्त श्रम मंत्रालय द्वारा मेडिकल कॉलेज अस्पताल खोलने की मंजूरी दी गयी थी. वर्तमान में केन्द्र सरकार द्वारा इस अस्पताल के खुलने के पश्चात राज्य सरकार द्वारा चलाने के लिये कहा गया है, राज्य सरकार इसे चलाने को तैयार है. उन्होंने कहा कि पीएमसीएच को राष्ट्रीय ही नहीं अन्तरराष्ट्रीय स्तर का अस्पताल बनाना है, इसके लिये हम सब प्रयासरत हैं. इस अवसर पर प्रख्यात सर्जन डॉ. नरेश त्रेहान ने भी अपने विचार प्रकट किये।

एक साल में मेदान्ता में शुरू होगा ओपीडी

राजधानी में एक साल के अन्दर ‘जयप्रभा -मेदान्ता अस्पताल’ में ओपीडी सेवा तथा दो साल में इमरजेंसी सेवा शुरू हो जाएगी. इस अस्पताल में मरीजों को विस्तरीय चिकित्सा सेवा मिल सकेगी. यह पांच सौ बेड का बड़ा अस्पताल होगा, जिसके निर्माण में लगभग छह सौ करोड़ रुपए खर्च आएंगे. ये बातें ‘मेदान्ता मेडिसिटी’ के संस्थापक डॉ. नरेश त्रेहान ने बृहस्पतिवार को आयोजित संवाददाता सम्मेलन में कहीं.

‘जयप्रभा-मेदान्ता अस्पताल’ के भूमि पूजन पर पटना पहुंचे डॉ. त्रेहान ने बताया कि यह अस्पताल बिहार सरकार तथा मेदान्ता के आपसी सहयोग से ‘पीपीपी मॉडल’ पर खोला जा रहा है. इसमें 25 प्रतिशत बेड राज्य के गरीब मरीजों के लिए समर्पित होगा. कुछ लोगों द्वारा जयप्रभा हॉस्पीटल परिसर में अस्पताल खोले जाने का विरोध किए जाने पर उन्होंने कहा कि मेदान्ता के बारे में जिन लोगों को यह भ्रम है कि यह कॉरपोरेट घरानों की तरह पैसा कमाने के लिए यहां आ रही है, उन्हें यह अच्छी तरह समझ लेनी चाहिए कि मेदान्ता कॉरपोरेट नहीं है.

यह संस्थान देश में विस्तरीय चिकित्सा के लिए समर्पित है तथा यह अस्पताल पूरी तरह डॉक्टरों के द्वारा ही संचालित की जाती है। इस मौके पर मेदान्ता में न्यूरो विभाग के अध्यक्ष डॉ. एमके झा ने कहा कि वे स्वयं बिहार के रहनेवाले हैं तथा उनका सपना है कि दिल्ली से लोग इलाज के लिए आएं न कि बिहार से लोग दिल्ली जाएं.

उन्होंने बताया कि मेदान्ता के ओपीडी में जितने भी मरीज आते हैं उनमें एक तिहाई मरीज उत्तर-प्रदेश व बिहार के होते हैं. बिहार में इस अस्पताल के खुल जाने से यहां के मरीजों को बेहतर इलाज के लिए राज्य के बाहर नहीं जाना पड़ेगा. इस मौके पर मेदान्ता मेडिसीटी में र्ह्यूमैटोलॉजी डिपार्टमेंट के अध्यक्ष डॉ. राजीव गुप्ता भी मौजूद थे. 



Post You May Like..!!

Latest News

Entertainment