बिहार में शराबबंदी का वादा पूरा किया, अब जनसमर्थन की जरूरत
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि हमने पूर्ण शराबबंदी का वादा पूरा कर दिखाया.अब इसे और सख्ती से लागू करने के लिए जन समर्थन की आवश्यकता है.
(फाइल फोटो) |
उन्होंने थानेदारों से कहा कि यदि उनके क्षेत्र में शराबबंदी पर किसी प्रकार की लापरवाही बरती गयी तो वे 10 वर्षो तक थाने का मुंह नहीं देख पाएंगे. साथ ही विभागीय कार्रवाई से भी दो चार होना पड़ेगा.
सहरसा स्टेडियम में कोसी प्रमंडल के तीनों जिलों से आयीं जीविका के आठ हजार से अधिक स्वयं सहायता समूह की दीदियों के साथ मद्य-निषेद्य कार्यक्रम व उनके अनुभवों को सीएम ने साझा किया. सभा को संबोधित करते हुए नीतीश ने कहा कि महिलाओं की मांग पर हमने शराबबंदी का निर्णय लिया और इसे सख्ती से लागू करने के लिए कई कठोर कदम उठाये.
उन्होंने कहा कि पिछले साल स्वयं सहायता समूह की कार्यशाला में अपनी बात रखकर बैठ रहा था कि कोने से आवाज आयी कि शराब बंद कर दीजिए और मैं वापस होकर पुन: कहा कि अगली बार शराब बंद कर देंगे. जब मुझे जनता ने दोबारा अपार समर्थन दिया तो मैंने अपने वादे को पूरा कर दिखाया.
इसको और भी सख्ती से लागू करने के लिए सरकार और सरकारी एजेंसियों के साथ-साथ जन समर्थन की भी आवश्यकता है. उन्होंने कहा कि शराबबंदी एक साधारण सरकारी फैसला नहीं है यह आपके सहयोग से एक बड़ा जन-आंदोलन का हिस्सा बन गया.
नीतीश ने कहा कि पहले शादी विवाह के मौके पर लड़का को दरबाजे लगाने में 4-5 घंटे लगा करते थे और सड़क जाम हो जाती थी. अब जबसे पूर्णत: शराबबंदी हुई है दरवाजे एक से आधे घंटे में लग जाते हैं और सड़क जाम नहीं होती है. उन्होंने कहा कानून जब तक सख्ती से लागू नहीं हो तो उस कानून का कोई मतलब नहीं होता है. जैसे कि किसी व्यक्ति द्वारा जहरीली शराब बेचने पर मृत्यूदंड तक सजा मिल सकती है.
विपक्षियों पर कटाक्ष करते हुए उन्होंने कहा कि जब कोई रास्ता नहीं मिला तो तारी के नाम पर किसी एक समुदाय के व्यक्तियों को उकसाना शुरू कर दिये. इसके लिए भी हमने कहा कि तमिलनाडु के तर्ज पर तारी को और बेहतर बनाने तथा इसके रोजगार करने वाले लोगों को तार के एक पेड़ से पहले की अपेक्षा तीन गुणा लाभ दिलाने की तर्ज पर कार्य शुरू कर दिया गया है.
उन्होंने महिला समूह को संबोधित करते हुए कहा कि जहां भी शराब की भट्ठी नजर आये पुलिस को सूचना दें सरकार पूर्णत: आपके साथ है.
इस मौके पर मंत्री आपदा प्रबंधन प्रो. चन्द्रशेखर, मंत्री अल्प संख्यक कल्याण डॉ. अब्दूल गफूर, मंत्री वाणिज्य व ऊर्जा बिजेन्द्र प्रसाद यादव, सरकार के मुख्य सचिव अंजनी कुमार सिंह, डीजीपी पीके ठाकुर, शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव डीएस गंगवार, गृह सचिव आमीर सुबहानी, जीविका के मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी बालामुरुगण, डीआईजी उमाशंकर सुधांशु, प्रमंडलीय आयुक्त टीएन बिन्देश्वरी, डीआईजी चंद्रिका प्रसाद तीनों जिले के डीएम, एसपी आदि मौजूद थे.
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