बिहार में महाविलय का निर्णय :नीतीश कुमार

Last Updated 19 May 2015 07:14:22 AM IST

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा है कि महाविलय का निर्णय हो चुका है.


सोमवार को जनता दरबार के बाद मीडिया से बात करते मुख्यमंत्री.

नयी पार्टी और संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव हैं इसलिए वे सभी छह दलों की बैठक बुलाकर विलय को लेकर बाहर में हो रही चर्चा को समाप्त करें. कोई अड़चन है तो सभी लोग बैठकर उसे दूर करें. मेरे हिसाब से तो विलय में कोई अड़चन नहीं है.

ये बातें मुख्यमंत्री ने सोमवार को जनता के दरबार में मुख्यमंत्री कार्यक्रम के बाद आयोजित संवददाता सम्मेलन में कहीं. उन्होंने कहा कि विलय को लेकर लोग तकनीकी अड़चन की बात कर रहे हैं. सात सदस्यीय कमिटी बनायी गयी है जिसमें सभी दल के अध्यक्ष शामिल हैं. उन्होंने कहा कि बाहर में बहस करने से अच्छा होगा कि मुलायम सिंह यादव सात सदस्यीय कमिटी की बैठक बुलाकर चर्चा कर लें.

अभी चुनाव चिह्न और झंडा सबकुछ तय करना है. जबतक सभी लोग नहीं बैठेंगे इसी प्रकार की चर्चा होती रहेगी. जदयू तो विलय के निर्णय के साथ है. लालू प्रसाद भी विलय के पक्षधर हैं. विलय पर जो भी विचार आया है वह समाजवादी पार्टी का नहीं, एक व्यक्ति विशेष का है. विलय में अगर कोई तकनीकी अड़चन होगी तो उसे दूर किया जाएगा. बैठक कब होगी यह तो मुलायम ही तय करेंगे.

नीतीश ने आगे कहा कि 25 अप्रैल को मुलायम जी से हमारी बात होने वाली थी लेकिन सूबे में भूकंप आ गया तो मैंने कहा कि मैं बैठक में नहीं आ पाऊंगा और भूकंप के चलते पटना आ गया. उन्होंने कहा कि हमें तो विलय में कहीं कोई दिक्कत नहीं नजर आ रही है लेकिन अचानक राम गोपाल यादव जी का बयान आ गया. लालू प्रसाद ने भी कहा कि विलय में तकनीकी अड़चन है, उसे दूर किया जाएगा.

उन्हें भी विलय से कोई ऐतराज नहीं है. उन्होंने कहा कि जब हमलोग जनता दल से 14 सांसदों के साथ अलग हुए थे तो जनता दल जार्ज बना था, जिसे राष्ट्रीय दल के रूप में मान्यता मिली थी. उसके बाद उसमें से भी छह सांसद निकल गये. हमलोगों ने 1994 में समता पार्टी का गठन किया तो उसे भी मान्यता मिली क्योंकि हमलोग चुनाव आयोग की शतरे को पूरा कर रहे थे. विस चुनाव अक्टूबर में होना है अभी तो मई का महीना है, वक्त भी काफी है.

आयोग को कभी भी चुनाव कराने का है अधिकार

चुनाव आयोग द्वारा सितम्बर-अक्टूबर में चुनाव कराने की घोषणा पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा है कि यह चुनाव आयोग का अधिकार क्षेत्र है. वह कभी भी चुनाव करा सकता है. उन्होंने कहा कि आयोग ने अभी चुनाव की तिथि नहीं तय की है. चुनाव की तिथि पर्व त्योहार व छुट्टी देखकर घोषित की जाती है. यह बात तो सभी लोग जानते थे कि छह माह में कभी भी चुनाव हो सकते हैं. अब तो छह माह भी नहीं बचा है.



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