बिहार में भूकंप के कारण 38 की मौत, 133 अन्य घायल

Last Updated 25 Apr 2015 09:57:20 PM IST

बिहार के विभिन्न इलाकों में शनिवार को आए भूकंप के दौरान 38 लोगों की मौत हो गयी और 133 से ज्यादा लोग घायल हो गये.


बिहार में भूकंप

बीते मंगलवार को सूबे में आंधी-तूफान की तबाही के मंजर के बाद शनिवार को जलजला काल बनकर आया. भूकंप से शनिवार रात तक 38 लोगों के मरने की सूचना है तथा 133 से अधिक लोग घायल हैं. हालांकि आधिकारिक तौर पर मृतकों की संख्या 29 बतायी गयी है. प्रदेश में खासकर उत्तर बिहार के जिलों में भूकंप से जान-माल की व्यापक क्षति हुई है. हजारों कच्चे-पक्के मकान जमींदोज हो गये हैं.

भूकंप से पूर्वी चंपारण में 9, सीतामढ़ी में 7, दरभंगा में 6, सारण, पश्चिम चंपारण, अररिया, समस्तीपुर, लखीसराय व मधुबनी में 2-2 तथा सुपौल, वैशाली बेगूसराय व शिवहर में एक-एक व्यक्ति की मौत हो गयी है. दिल्ली से पटना पहुंचने पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पुराने सचिवालय स्थित अपने कक्ष में मुख्य सचिव अंजनी कुमार सिंह, पुलिस महानिदेशक पीके ठाकुर, राज्य के आपदा प्रबंधन विभाग के प्रधान सचिव सहित अन्य विभागों के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ स्थिति की समीक्षा की और आवश्यक निर्देश दिये. मुख्यमंत्री ने स्थिति की जानकारी के बाद संवाददाता सम्मेलन में कहा कि भूकंप से राज्य में अब तक 29 लोगों के मारे जाने की सूचना प्राप्त हुई है.

उन्होंने बताया कि राज्य के पूर्वी चंपारण में 8, सीतामढ़ी में 6, दरभंगा में 5, सारण, अररिया, सुपौल, लखीसराय और मधुबनी में दो-दो और शिवहर तथा पश्चिम चंपारण जिले में भूकंप के कारण दीवार गिरने से एक-एक व्यक्ति के मारे जाने की सूचना है. नीतीश ने कहा कि भूकंप के कारण प्रदेश के विभिन्न जिलों में 133 लोग घायल हुए हैं जिनमें सबसे अधिक दरभंगा में 29, पश्चिमी चंपारण और मुंगेर में 16-16, वैशाली में 12 और मधुबनी जिले में 10 लोग घायल हुए हैं.

नीतीश ने कहा कि भूकंप के कारण जान-माल की हुई क्षति की जानकारी प्राप्त करने का काम जारी है और जितनी तीव्रता से भूकंप आया था उसके हिसाब से ये आंकड़े बदलेंगे तथा और बढ़ भी सकते हैं. कुमार ने बताया कि भूकंप में मारे गये लोगों के आश्रितों को तत्काल प्रति मृतक चार लाख रुपये अनुग्रह राशि देने का निर्देश दिया गया है. प्रदेश की पूरी मशीनरी सतर्क और सक्रि य है तथा उन्होंने प्रदेश की जनता से अपील की कि अगले 24 घंटे के दौरान और भी ऐसे झटके आने की आशंका के मद्देनजर वे सतर्क रहें तथा दहशतजदा न हों. इसके साथ ही घायलों के समुचित इलाज तथा राहत एवं बचाव कार्य में तेजी लाने का भी निर्देश दिया गया है. 

नीतीश ने कहा कि भूकंप के कारण प्रदेश के कहलगांव, बाढ़ और कांटी स्थित बिजलीघर की एक-एक इकाई ट्रिप कर गयी थी जिनकी मरम्मत का काम जारी है. मुख्यमंत्री ने कहा कि पटना में आपदा प्रबंधन विभाग में नियंत्रण कक्ष बनाया गया है जो 24 घंटे काम करेगा. इसके साथ ही भूकम्प के कारण ठप हुई संचार व्यवस्था को ध्यान में रखकर पुलिस वायरलेस समेत अन्य वैकल्पिक व्यवस्थाओं का भी इस्तेमाल राहत एवं बचाव कार्य में करने का निर्देश दिया गया है.

उन्होंने बताया कि भूकंप आने के कुछ देर के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का फोन आया था. दिन में भी कई बार केन्द्रीय सचिव के कार्यालय से बिहार के मुख्य सचिव लगातार संपर्क में रहे और हर प्रकार की सूचनाएं हम केंद्र सरकार को भी भेज रहे हैं. केंद्र और राज्य सरकार पूरे तौर पर सतर्क तथा सक्रिय हैं.

नीतीश ने कहा, ‘नेपाल में भूकंप के कारण अधिक तबाही हुई है. मैं सभी के प्रति अपनी संवेदना प्रकट करता हूं और नेपाल को भारत की ओर से तथा हम पड़ोस में हैं, हमलोगों की तरफ से जो संभव होगा वह हम करेंगे तथा इस आपदा का मिल-जुलकर मुकाबला करेंगे.’ उधर आपदा प्रबंधन विभाग के प्रधान सचिव व्यास जी ने बताया भूकंप को देखते हुए एनडीआरएफ की पांच टीमें प्रभावित क्षेत्रों में तैनात कर दी गई हैं. सुपौल में दो तथा दरभंगा, गोपालगंज व मुजफ्फरपुर में एक-एक टीम तैनात की गई है.

उन्होंने कहा कि एनडीआरएफ के अलावा प्रभावित जिले में एसडीआरएफ की टीम गश्ती कार्य में जुट गई है. नेपाल की सीमा से सटे जिलों पूर्णिया, खगड़िया, सीतामढ़ी और मधुबनी में एसडीआरएफ की टीमें भेजी गयी हैं. दक्षिण बिहार में गया में भी एसडीआरएफ की एक टीम भेजी गयी है. उन्होंने प्रदेशवासियों को भूकंप से रविवार 12 बजे तक सावधानी बरतने की अपील की है. उन्होंने कहा कि भूकंप आने के 24 घंटे तक शॉक की आशंका बनी रहती है. उन्होंने भूकंप आपदा के क्षण में मकान के कोने व टेबुल जैसे मजबूत चीजों के नीचे आकर बचाव करने का सुझाव दिया है.



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