मुख्यमंत्री नाम की योजनाओं की स्थिति बदतर, सदन में हंगाम

Last Updated 31 Mar 2015 02:58:07 PM IST

बिहार विधानसभा में भाजपा विधायकों ने मुख्यमंत्री के नाम पर चलने वाली योजनाओं की खराब स्थिति को लेकर जमकर हंगामा किया.


बिहार विधानसभा (फाइल)

बिहार विधानसभा में मुख्य विपक्षी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सदस्यों ने मुख्यमंत्री के नाम पर चलने वाली योजनाओं की खराब स्थिति को लेकर सदन में जमकर हंगामा किया.
               
विधानसभा में शून्यकाल के दौरान भाजपा के प्रेम कुमार ने मुख्यमंत्री के नाम से चलने वाली राज्य की विभिन्न योजनाओं की खराब स्थिति की सूचना दी. इस पर प्रतिपक्ष के नेता नंद किशोर यादव ने कहा कि मुख्यमंत्री के नाम से राज्य में करीब 36 योजनाएं चल रही है. लेकिन इन योजनाओं का बुरा हाल है. न तो इन योजनाओं की निगरानी हो रही है और न ही क्रियान्वयन को लेकर सरकार चिंतित दिखती है. इस मामले पर सभी सदस्य चिंतित है. सरकार को इसका जवाब देना चाहिये.
            
इसके बाद भाजपा के सदस्य सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए सदन के बीच में आ गये. शोरगुल के बीच ही सभाध्यक्ष उदय नारायण चौधरी ने शून्यकाल और ध्यानाकषर्ण को पूरा कराया. इसके बाद सभाध्यक्ष ने भाजपा सदस्यों से अपनी सीट पर जाने का आग्रह किया लेकिन जब वे नहीं माने तब सभाध्यक्ष ने सभा की कार्यवाही दो बजे दिन तक के लिए स्थगित कर दी.
            
इससे पूर्व सभा की कार्यवाही शुरू होते ही नेता प्रतिपक्ष यादव ने सोमवार को राज्य के विभिन्न हिस्सों में भारी वर्षा और आंधी से फसलों की हुई क्षति का मामला उठाया और सरकार से इस पर तुरंत जवाब देने की मांग की.

उन्होंने कहा कि भारी वष्रा और आंधी के कारण गेहूं, दलहन,  आम और लीची को भारी नुकसान हुआ है. सरकार फसलों की हुयी क्षति के संबंध में प्रारंभिक आकलन के आधार पर तुरंत वक्तव्य दे.

इस पर जल संसाधन मंत्री विजय कुमार चौधरी ने कहा कि आंघी और वर्षा से फसलों को भारी क्षति हुई है. मुख्यमंत्री ने सोमवार को ही इस पर संज्ञान लेते हुए मंगलवार को इस संबंध में उच्चस्तरीय बैठक बुलायी है ताकि क्षति का आकलन जल्द से जल्द हो सके और उसके अनुरुप आगे की कार्रवाई हो. उन्होंने कहा कि इसके लिए भाजपा सदस्यों को सरकार को धन्यवाद देना चाहिये.
           
नेता प्रतिपक्ष ने जब इस पर सरकार से तुरंत जवाब देने की मांग की तब चौधरी ने कहा कि सरकार को वक्तव्य देने में कोई आपत्ति नहीं है. लेकिन यह घटना मंगलवार की ही है इसलिए क्षति के वास्तविक आकलन में कम से कम दो से तीन दिनों का समय लगेगा. अभी कोई वक्तव्य दिया जायेगा तो वह प्रारंभिक आकलन पर होगा. इसलिए सरकार वास्तविक आकलन के बाद एक सप्ताह में इस पर वक्तव्य देगी.
         
सभाध्यक्ष चौधरी ने कहा कि अब प्रश्नकाल को चलने दिया जाये. इस पर नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि यह भी महत्वपूर्ण विषय है और किसानों से जुड़ा है इसलिए सरकार को चाहिए कि वह कम से कम इस मामले पर जवाब देने के लिए तिथि बता दे. इसके बाद सभाध्यक्ष ने प्रश्नकाल शुरू होने की घोषणा की.



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