लालू-नीतीश के हाथ से निकली कांग्रेस

Last Updated 31 Jan 2015 12:30:42 PM IST

महागंठन का कोख में कत्ल होता नजर आ रहा है. प्रदेश कांग्रेस ने जनता परिवार के साथ विलय के मुद्दे पर ‘देखो और इंतजार करो’ की नीति अपना ली है.


लालू-नीतीश

प्रदेश कांग्रेस जनता परिवार के विलय के मुद्दे पर ‘देखो और इंतजार करो’ की नीति अपनाएगी. इसके बाद ही बिहार विधानसभा चुनाव में किसी प्रकार के गठजोड़ पर अंतिम फैसला मई माह में लेगी.

कांग्रेस महासचिव और बिहार प्रभारी सीपी जोशी ने शुक्रवार को पार्टी के चार दिवसीय चिंतन शिविर के समाप्त होने पर सदाकत आश्रम में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में कहा कि हम बिहार में घटनाओं पर करीब से नजर रख रहे हैं और मई माह में अंतिम फैसला करेंगे कि गठबंधन किया जाए या अकेले ही चुनाव लड़ा जाए.

पिछले वर्ष के आम चुनाव में सूपड़ा साफ होने के मात्र तीन महीने के भीतर हुए विधानसभा के उपचुनाव में धर्मनिरपेक्ष गठबंधन को मिले अच्छे परिणामों की ओर संकेत करते हुए जोशी ने कहा कि राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद और जदयू के वरिष्ठ नेता नीतीश कुमार बिहार के बड़े नेता हैं.

कांग्रेस भी इस गठबंधन का हिस्सा थी. जोशी ने कहा कि फरवरी, मार्च और अप्रैल में कांग्रेस बिहार में पार्टी के आधार को मजबूत बनाने के कार्यक्रमों पर ध्यान देगी. उन्होंने जोर दिया कि धर्मनिरपेक्षता कांग्रेस की विचारधारा का मूल है जिस पर कोई समझौता नहीं हो सकता.

प्रदेश अध्यक्ष और विधान पार्षद अशोक चौधरी और विधान सभा में दल के नेता सदानंद सिंह के साथ जोशी ने कहा कि बिहार चुनाव देश में राजनीति की दिशा बदलने में महत्वपूर्ण साबित होंगे.

उन्होंने कहा कि चिंतन शिविर में पार्टी के नेताओं से गहन विचार विमर्श किया गया और संगठन को मजबूत बनाये जाने के लिए उनसे सुझाव मांगे गये.

सभी सुझावों को संकलित कर पार्टी आलाकमान को समर्पित किया जायेगा. अप्रैल में होने वाली बैठक में पार्टी सभी राज्यों से प्राप्त सुझावों पर गौर करेगी और संगठन को मजबूत करने के लिए ठोस फैसला लेगी.



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