बिहार में बनेंगे दो करोड़ शौचालय : मांझी

Last Updated 20 Nov 2014 06:25:13 AM IST

बिहार में दो करोड़ से अधिक व्यक्तिगत शौचालय का निर्माण कराकर खुले में शौच से राज्य को मुक्ति दिलायेंगे.


विश्व शौचालय दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री.

शौचालय निर्माण के लिए पहले 4600 रुपये की सहायता दी जाती थी, अब इसे बढ़ाकर बारह हजार रुपये कर दिया गया है, जिसमें दस हजार रुपये शौचालय के निर्माण और दो हजार रुपये पानी की व्यवस्था के लिए दिये जाते हैं.

राज्य के सभी जनप्रतिनिधि एवं जीविका के स्वयं सहायता समूह के सभी सदस्य यह संकल्प लें कि वे अपने घरों में व्यक्तिगत शौचालय का निर्माण तो करायेंगे ही, साथ ही साथ कम से कम पांच लोगों के घरों में शौचालय के निर्माण के लिए उन्हें प्रेरित कर उनके घरों में शौचालय की व्यवस्था करायेंगे.

ये बातें मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने बुधवार को विश्व शौचालय दिवस के अवसर पर श्रीकृष्ण मेमोरियल हॉल में ग्रामीण विकास विभाग द्वारा आयोजित कार्यक्रम में कहीं. उन्होंने कहा कि खुले में शौच और शौचालय के अभाव का कुपरिणाम विशेषकर गरीब परिवारों को भुगतना पड़ता है. गरीब शौचालय की कमियों से ज्यादा त्रस्त होते हैं. हमें राजनीतिक आजादी तो मिल गयी है, मगर शैक्षणिक एवं सामाजिक आजादी की जरूरत है. इस दिशा में हमें बहुत कुछ करने होंगे.

गरीबों को सामाजिक एवं शैक्षणिक स्तर पर उठने के लिए उन्हें मद्यपान से दूर रहना होगा तथा शिक्षा को अपनाना होगा. सरकार द्वारा जिस तुलना में खर्च किया जा रहा है, उस तुलना में परिणाम नहीं मिल रहे हैं. सरकार एवं संस्थाओं के साथ-साथ स्वच्छता कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए आमजनों को मिलकर काम करने की जरूरत है.

सरकार एवं संस्था द्वारा अच्छे काम किये जा रहे हैं किन्तु आपको भावनात्मक होना होगा. यदि आप भावनात्मक नहीं होंगे तो कुछ परिणाम नहीं मिलने वाला है. मुख्यमंत्री ने कहा कि गंभीर बीमारियों का मुख्य कारण गंदगी है.

शौचालय का उपयोग करें तो हमें कई बीमारियों से निजात मिल सकती है, साथ ही पर्यावरण भी स्वच्छ रहेगा. शौचालय के नहीं रहने के कारण सबसे अधिक भुक्तभोगी हमारी मां-बहनों एवं बच्चियों को होना होता है. घर की इज्जत को बाहर न जाने दें. अपने घरों में शौचालय अवश्य बनवायें. खुले में शौच बीमारियों को बुलाता है. निर्मल भारत अभियान एवं लोहिया स्वच्छता योजना सफाई एवं पेयजल के लिए चलायी गयी है.

पीने के पानी को हमेशा ढंक कर रखें. पानी पीने के लिए डंडीदार लोटे का प्रयोग करें. बीमारियों से बचने के लिए खाने-पीने के सामानों को ढंककर रखें. ऐसे खाने-पीने के सामान जो ढंककर नहीं रखे गए हों, उनका सेवन न करें. खाना खाने से पहले एवं बाद में साबुन से हाथ धोयें.

हम बिहारवासी यह संकल्प लें कि अपने बच्चों के बेहतर स्वास्थ्य, महिलाओं की सुरक्षा एवं सम्मान के लिए अपने घरों में शौचालय का निर्माण कर इसका नित्य उपयोग करेंगे.

मुख्यमंत्री ने कहा कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने सिर्फ राजनीतिक आजादी का सपना नहीं देखा था बल्कि एक स्वच्छ एवं विकसित देश की कल्पना की थी. अब हमारा कर्तव्य है कि गंदगी को दूर करके भारत की सेवा करें. हम सब संकल्प लें कि स्वच्छता के प्रति सजग रहेंगे.

न गंदगी फैलायेंगे और न किसी को गंदगी करने देंगे. मुख्यमंत्री ने कहा कि माता बनने वाली किशोरियों को स्वच्छ वातावरण देना चाहिये. मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में त्रिस्तरीय पंचायत एवं नगर पंचायतों के लगभग 2 लाख 69 हजार 906 निर्वाचित जनप्रतिनिध हैं तथा पचास लाख से अधिक लोग स्वयं सहायता समूह से जुड़े हुये हैं.

यदि ये सब संकल्प ले लें कि अपने घरों में शौचालय के साथ-साथ पांच लोगों के घरों में शौचालय का निर्माण करायेंगे तो हम स्वच्छता के लक्ष्य को निश्चित रूप से प्राप्त कर सकेंगे. मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर बिहार राज्य के सात केन्द्रीय मंत्रियों से अपील किया कि वे राज्य को पैसा दिलाने में मदद करें.

उन्होंने यह भी घोषणा किया कि यदि उन्हें शौचालय निर्माण में केन्द्र का पर्याप्त सहयोग नहीं मिलता है तो ऐसी स्थिति में वे राज्य की अन्य योजनाओं में कटौती कर शौचालय निर्माण में अपना संसाधन लगायेंगे.

राज्य के ग्यारह करोड़ लोग कमर कस कर तैयार हो जायें कि राज्य को स्वच्छ बनायेंगे तो हम दावे के साथ कह सकते हैं कि हम बिहार से गंदगी को भगा देंगे. मुख्यमंत्री ने कहा कि मात्र शौचालय बनाये जाने का उद्देश्य न रखा जाय बल्कि शौचालय का उपयोग भी होना चाहिये. शौचालय की सफाई पर भी अवश्य ध्यान दें. उन्होंने कहा कि वे खुद अपने शौचालय की साफ-सफाई करते हैं. आप सब भी अपने शौचालयों को साफ-सफाई रखने में शर्म नहीं करें.



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