महादलित मुख्यमंत्री का हो रहा है अपमान
सुशील मोदी ने नीतीश कुमार पर निशाना साधते हुए कहा कि मांझी को सरकारी कार्यक्रम से दूर रख कर संवैधानिक पद पर बैठे महादलित के साथ अछूतों जैसा व्यवहार किया जा रहा है.
सुशील मोदी |
राज्य के पूर्व उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा कि बुधवार को राजधानी में मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी की मौजूदगी के बावजूद स्वास्थ्य मंत्री रामधनी सिंह ने लोक नायक जयप्रकाश नारायण अस्पताल (राजवंशी नगर) में कुछ नई सुविधाओं का उद्घाटन पूर्व मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से कराया. इस अवसर पर मुख्यमंत्री को आमंत्रित करना भी जरूरी नहीं समझा गया.
इस कार्यक्रम के विज्ञापन में न मुख्यमंत्री का फोटो लगाया गया और न उनका नाम दिया गया. इस तरह सरकारी कार्यक्रम से मुख्यमंत्री मांझी को दूर रखकर संवैधानिक पद पर बैठे महादलित के साथ अछूत जैसा व्यवहार किया गया. श्री मोदी ने कहा कि जद-यू सरकार और संगठन, दोनों स्तरों पर मांझी का लगातार अपमान किया जा रहा है.
नीतीश कुमार ने उपचुनाव में प्रचार के दौरान खुद तो लालू प्रसाद के साथ हेलीकाप्टर से दौरा किया लेकिन मांझी को हिचकोले खाती सड़कों से यात्रा करने के लिए छोड़ दिया. जब महादलित मुख्यमंत्री का बेटा यौन शोषण के आरोप में फंसा तो प्रदेश का कोई नेता उनके बचाव में नहीं आया.
जब मुख्यमंत्री ने साइकिल-पोशाक योजना का लाभ देने में महादलित स्कूली बच्चों को 75 प्रतिशत हाजिरी की शर्त से छूट देने की घोषणा की तब उन्हीं के वित्त मंत्री ने इस पर अपना विरोध प्रकट कर दिया. जाहिर है कि मांझी को सिर्फ दिखावे का मुख्यमंत्री बना कर रखा गया है.
उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार को उद्घाटन-शिलान्यास और भाषण देने का इतना ही शौक था तो उन्हें अपने पद से इस्तीफा देने का नाटक नहीं करना चाहिए था. इस बार 15 अगस्त को गांधी मैदान से भाषण नहीं कर पाने की कुंठा छिपाने के लिए वे तीन दिन पहले से फेसबुक पर अपने पुराने भाषण पोस्ट कर रहे थे.
नीतीश कुमार ने धर्मनिरपेक्षता के नाम पर भाजपा से 17 साल पुराना गठबंधन तोड़ने और पिछड़ा गोलबंदी के नाम पर 20 साल बाद अराजक लालू प्रसाद के हाथ-पैर पकड़ने से लेकर महादलित को मुखौटा मुख्यमंत्री बनाने तक हर कदम से अपनी राजनीतिक साख का नुकसान किया है.
इस उपचुनाव के परिणाम भी नीतीश की पतन यात्रा पर मुहर लगायेंगे. पटेल के आदर्श को किया तार-तार दूसरी ओर, भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता और विधायक प्रेम रंजन पटेल ने लालू प्रसाद यादव की टिप्पणी कि ‘मेरे गोड़ पर आकर गिर गया तो क्या करते ठेल देते’ पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि नीतीश कुमार ने अपने स्वार्थ के लिए राजनीतिक जीवन की सबसे बड़ी गलती लालू के साथ गठबंधन कर की है.
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