बाढ़पीड़ितों की पूरी मदद करे प्रशासन : मांझी

Last Updated 21 Aug 2014 03:34:24 AM IST

मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने राज्य के बाढ़ प्रभावित जिलों के जिला पदाधिकारियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग कर बाढ़ सहायता एवं राहत कार्यों की उच्चस्तरीय समीक्षा की.


प्रभावित जिलों के जिलाधिकारियों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये बातचीत कर बाढ़ से उत्पन्न हालात का जायजा लेते बिहार के मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी व अन्य.

बैठक में मुख्यमंत्री ने बाढ़ प्रभावित जिला पदाधिकारियों को निर्देश दिया कि जिला प्रशासन बाढ़ पीड़ितों की हरसंभव सहायता करे. उन्होंने कहा कि बाढ़ पीड़ित परिवारों को किसी तरह की कठिनाई न हो. जिला पदाधिकारी सभी जन प्रतिनिधियों के साथ एक सप्ताह के अन्दर (सर्वदलीय) बैठक बुलायें और उनसे सूची प्राप्त कर प्रशासनिक स्तर से तैयार सूची से मिला लें तथा जन प्रतिनिधियों से राय लेकर बाढ़ प्रभावित परिवारों को राहत सामग्री उपलब्ध कराये.

मुख्यमंत्री ने सभी जिलों के जिला पदाधिकारियों को निर्देश दिया कि वे पूर्ण सतर्कता बरतें तथा जल संसाधन विभाग के साथ समन्वय बनाये रखें ताकि तटबंध टूटने की नौबत न आये. उन्होंने जिला पदाधिकारियों को निर्देश दिया कि बाढ़ से जिनकी मृत्यु हुई है, उनके परिजनों को शीघ्र सहायता राशि प्रदान करें. उन्होंने कहा कि अगर जिला प्रशासन पूर्व से ही सतर्क रहेगा तो बाढ़ आने पर लोगों को बाढ़ साहाय्य एवं राहत देने में कठिनाई नहीं होगी.

मुख्यमंत्री ने सभी  जिलाधिकारियों से बाढ़ एवं राहत कार्यों की जानकारी प्राप्त की और कहा कि जिला प्रशासन एवं जल संसाधन विभाग के बीच आपस में समन्वय होना चाहिये. संयुक्त रूप से बांधों का नियमित रूप से निरीक्षण होने पर बांध टूटने का खतरा कम होगा. उन्होंने कहा कि शेखपुरा जिला में बाढ़ आने की संभावना नहीं थी, जबकि शेखपुरा जिला बाढ़ प्रभावित जिला है.

बाढ़ के पिछले वर्षों का रिकॉर्ड रखना चाहिये एवं सुरक्षात्मक उपाय होना चाहिये.  इस बार बाढ़ की दूसरी ढंग की प्रवृत्ति दिखाई पड़ रही है. जिस जिले में बाढ़ आने की संभावना नहीं रहती है वहां बाढ़ की भयावहता है. 15 अगस्त से पहले सुखाड़ की स्थिति थी. उन्होंने कहा कि समस्या आने से पहले ही समस्या से निपटने की तैयारी कर लेनी चाहिये. शेखपुरा एवं नालन्दा में बाढ़ की भयावहता है. बाढ़ से हुई मृत्यु का सही आंकड़ा होना चाहिये. उन्होंने कहा कि हमारे पदाधिकारी अगर संवेदनशील एवं सचेष्ट रहेंगे तो निश्चित रूप से समस्याओं का निदान होगा.

इस अवसर पर मुख्यमंत्री के अलावे मंत्री जल संसाधन विजय कुमार चौधरी, मुख्य सचिव  अंजनी कुमार सिंह, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव दीपक कुमार, प्रधान सचिव आपदा प्रबंधन व्यास जी, प्रधान सचिव खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण बी. प्रधान, प्रधान सचिव कृषि सह मुख्यमंत्री के विशेष कार्य पदाधिकारी अमृत लाल मीणा, प्रधान सचिव जल संसाधन दीपक कुमार, सचिव ग्रामीण कार्य डॉ. एस. सिद्धार्थ, मुख्यमंत्री के सचिव अतीश चन्द्रा, संजय कुमार एवं संबंधित पदाधिकारी उपस्थित थे.  प्रधान सचिव, आपदा प्रबंधन व्यास जी ने राज्य में बाढ़ की स्थिति, बाढ़ राहत एवं बचाव कार्यों की जानकारी मुख्यमंत्री को दी.



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