बिहार : भाजपा के छह सिटिंग एमपी मैदान में
बिहार राज्य में हो रहे तीसरे चरण (24 अप्रैल) के चुनाव से भारतीय जनता पार्टी को काफी उम्मीदें हैं.
बिहार : भाजपा के छह सिटिंग एमपी मैदान में |
यह चरण न केवल जीत के आंकड़े को लेकर है बल्कि इस दौर में पार्टी केकई नामचीन उम्मीदवारों के भाग्य का फैसला होने वाला है. इनमें भाजपा के शाहनवाज हुसैन के साथ-साथ वर्ष 2009 के टॉप टेन विजेताओं में शामिल विश्वमोहन कुमार व उदय सिंह उर्फ पप्पू के अलावा प्रदीप कुमार सिंह व पुतुल देवी के भाग्य का भी फैसला होने वाला है.
केंद्र की यूपीए सरकार में मंत्री तारिक अनवर, पूर्व मंत्री तस्लीमुद्दीन की प्रतिष्ठा भी इस चरण में दांव पर है. इस चरण में सुपौल, अररिया, किशनगंज, कटिहार, पूर्णिया, भागलपुर व बांका लोकसभा क्षेत्र में चुनाव होने हैं. स्थिति यह है कि इन सात लोकसभा क्षेत्रों में से परोक्ष या अपरोक्ष रूप से फिलहाल भाजपा का छह क्षेत्रों पर कब्जा है. कांग्रेस के हिस्से में एकमात्र सीट किशनगंज लोकसभा क्षेत्र है.
वैसे तो वर्ष 2009 के लोकसभा के चुनावी जंग में भाजपा के उदय सिंह ने पूर्णिया, निखिल कुमार चौधरी ने कटिहार, प्रदीप सिंह ने अररिया व शाहनवाज हुसैन ने भागलपुर लोकसभा क्षेत्र से जीत हासिल की थी. लेकिन सुपौल से विजयी रहे जदयू के विश्वमोहन कुमार व बांका की पुतुल देवी के भाजपा की सदस्यता ग्रहण करने के साथ ही भाजपा के कब्जे वाली सीटों की संख्या बढ़ कर छह हो गई है. ऐसे में इस चरण में केवल किशनगंज कांग्रेस के कब्जे में है जहां असरारूल हक की जीत हुई थी.
सात लोकसभा क्षेत्रों के लिए होने वाले चुनाव में छह सिटिंग सांसद भाजपा की ओर से चुनावी जंग लड़ रहे हैं. कांग्रेस की रंजीता रंजन को सुपौल में 1,66,075 मतों से पराजित करने वाले विश्वमोहन कुमार ने इस बार भाजपा का दामन थाम कर फिर कांग्रेस की रंजीता रंजन के सामने हैं. विश्वमोहन को लोजपा व रालोसपा का भी साथ है. जदयू ने इस बार विश्वमोहन कुमार की जगह दिलकेर कामत को उतारा है.
अररिया से वर्ष 2009 की चुनावी जंग जीते प्रदीप कुमार सिंह ने लोजपा के जाकिर हुसैन को हराया था. वर्ष 2014 की जंग में लोजपा इस बार भी श्री कुमार के साथ है. इस बार उनका मुकाबला राजद के तस्लीमुद्दीन व जदयू के विजय कुमार मंडल से है. कटिहार में एक बार फिर भाजपा के निखिल कुमार चौधरी का संघर्ष राकांपा के तारिक अनवर से है. इनकी लड़ाई को त्रिकोणात्मक जदयू के रामप्रकाश महतो बना रहे हैं. वर्ष 2009 की लड़ाई में भाजपा के श्री चौधरी ने लगभग 9 हजार मतों से विजय हासिल की थी.
भागलपुर से पूर्व केंद्रीय मंत्री शाहनवाज हुसैन की भी प्रतिष्ठा दांव पर है. वर्ष 2009 के चुनाव में उन्होंने राजद के शकुनी चौधरी को लगभग 60 हजार मतों से परास्त किया था. इस बार उनका संघर्ष राजद के बुलो मंडल तथा जदयू के अबु कैसर से है. ये दोनों शाहनवाज हुसैन के सामने नये उम्मीदवार हैं.
पूर्णिया में भारी मतों से जीतने वाले उदय सिंह उर्फ पप्पू सिंह का मुकाबला इस बार अपने ही दल के विधायक रहे संतोष कुशवाहा से है. श्री कुशवाहा जदयू की तरफ से चुनाव लड़ रहे हैं. इस लड़ाई को तीसरा कोण देने में कांग्रेस के अमरनाथ तिवारी भी है. कांग्रेस को इस बार राजद का सहारा है तो भाजपा के उम्मीदवार को लोजपा व रालोसपा का.
किशनगंज इस चरण में यह एक मात्र सीट है जो कांग्रेस के कब्जे में है. गत चुनाव में यहां से जदयू के उम्मीदवार सैयद महबूब अंसारी को कांग्रेस के असरारूल हक ने परास्त किया था. कांग्रेस ने फिर असरारूल हक को टिकट दिया है. इस बार स्थितियां बदली हुई हैं. भाजपा ने दिलीप जायसवाल को उतारा है. उम्मीदवार तो राजद छोड़ कर आये अख्तरउल ईमान को जदयू ने भी बनाया था. मगर बीच मंझधार में ही श्री ईमान ने चुनाव लड़ने से इंकार कर दिया.
अब यहा कांग्रेस और भाजपा में सीधी टक्कर है. बांका की पुतुल देवी के भाजपा में शामिल होते ही यहां का लोकसभा चुनाव काफी रोचक हो गया है. जदयू ने यह सीट अपने गठबंधन दल भाकपा के संजय कुमार के लिए छोड़ दी है. राजद ने पूर्व केन्द्रीय मंत्री जयप्रकाश यादव को फिर रण में उतारा है.
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