उप्र में राज्य कर्मियों को दिया काम पर लौटन
Last Updated 22 Jan 2010 08:14:45 PM IST
|
लखनऊ। केंद्र के समान वेतन की मांग कर रहे राज्य सरकार के कर्मचारियों पर लखनऊ में हुए लाठी चार्ज के बाद कर्मचारियों के बेमियादी हड़ताल पर चले जाने से शुक्रवार को जहां कुछ स्थानों पर स्वास्थ्य और सरकारी सेवाएं बाधित हुई, वहीं राज्य सरकार ने कर्मचारियों की हड़ताल को अवैध करार देते हुए काम पर वापस लौटने का अल्टीमेटम दिया है।
उत्तर प्रदेश राज्य शिक्षक-कर्मचारी संयुक्त महासंघ के आह्वाहन पर राज्य सरकार के तृतीय व चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों की बेमियादी हड़ताल का असर स्वास्थ्य सेवाओं पर देखा गया। मुरादाबाद, हरदोई, रायबरेली, लखनऊ, मेरठ, फैजाबाद के जिला अस्पतालों में कुछ कर्मचारियों के हड़ताल पर जाने से मरीजों को परेशानियों का सामना करना पड़ा।
लखनऊ में जवाहर भवन और इंदिरा भवन में हड़ताल के मद्देनजर भारी पुलिस बल तैनात किया गया है।
उधर, राज्य कर्मचारी संघ के एक नेता ने कहा कि शनिवार को अपनी मांगों को लेकर राजधानी लखनऊ में शांतिपूर्वक प्रदशर्न कर रहे कर्मचारियों पर पुलिस द्वारा की गई लाठीचार्ज से आहत कर्मचारी संघ ने शुक्रवार से ही अनिश्चतिकालीन हड़ताल पर जाने का फैसला लिया। इस हड़ताल में सरकारी विभागों के कर्मचारी, नगर निगम व स्थानीय निकाय, जल संस्थान के कर्मचारियों को शामिल किया गया है।
कर्मचारियों की मांग है कि शांतिपूर्ण प्रदशर्न के दौरान कर्मचारियों पर लाठीचार्ज करने वाले पुलिस अधिकारियों के विरुद्ध कार्रवाई की जाए।
महासंघ के अध्यक्ष वी.पी.मिश्रा ने लखनऊ में संवाददाताओं से कहा, "हम सरकार से बातचीत के लिए तैयार हैं। सरकार पहल तो करे। अगर हमारी गिरफ्तारी हुई तो हम जेल भरो आंदोलन करेंगे।
गौरतलब है कि राज्य कर्मचारियों ने वेतन वृद्धि एवं अन्य मांगों को लेकर गुरुवार को राजधानी में उग्र प्रदशर्न किया था। इस दौरान उनकी पुलिस से झाड़प हुई थी, जिसके बाद उन्हें तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने लाठी चार्ज किया था और आंसू गैस के गोले छोड़े थे। इस दौरान करीब दो दर्जन प्रदशर्नकारी घायल हो गए थे।
Tweet |