राम-रामायण जानते नहीं भाजपाई

Last Updated 04 Apr 2009 07:29:25 PM IST


दिल्ली। ग्यारह साल बाद एक बार फिर भारतीय जनता पार्टी ने जारी अपने घोषणापत्र में राम की धुन अलापी। राम के नाम पर वोट मांगने वाली भारतीय जनता पार्टी के नेताओं को राम के बारे कितनी जानकारी है यह कम ही लोगों को पता है। कर्नाटक में चार-चार बार मंत्री रह चुके डी बी चंद्रगौड़ा राम और रामायण के बारे ठीक-ठीक नहीं जानते। राम का महाभारत से कोई लेना-देना नहीं फिर भी डीबी चंद्रगौड़ा रामायण और महाभारत को एक ही नजरिये से देखते हैं। भारतीय जनता पार्टी भले ही वोट की खातिर राम का नाम जपती हो लेकिन उसके कुछ नेताओं को यह तक नहीं पता कि राम का नाता रामायण से है न कि गीता और महाभारत से। दोबारा राम की शरण में जाने के लिए इससे बेहतर दिन कोई हो भी नहीं सकता था। रामनवमी के दिन भाजपा का ऐलान आया कि अयोध्या में राम मंदिर बनेगा, रामसेतु को टूटने नहीं दिया जाएगा, गोरक्षा मुहिम जारी रहेगी, बातें यहीं खत्म नहीं हो जाती। भगवा एजेंडे और भी हैं। मसलन कश्मीर में धारा 370 खत्म कर देंगे, पोटा कानून की वापसी होगी, समान नागरिक संहिता लागू करेंगे। भारतीय जनता पार्टी ने ग्यारह साल बाद पहली बार अकेले अपना चुनावी घोषणा पत्र जारी किया है। इसमें वह खुलकर राम की राह पर लौट आई है। जाहिर है ऐसा करते हुए उसने आईएनएलडी, आरएलडी और अकालियों से मश्विरे की जरूरत नहीं समझी होगी और जेडीयू की नाराजगी का जोखिम लेना उसे फिर भी फायदे का सौदा लगा होगा।



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