हरदोई के उत्साहित युवाओं की टोली संचालित कर रही है ‘‘रोटी बैंक’’
सेवा परमो धर्म: के सूत्र को चरितार्थ करते हुये उत्तर प्रदेश में हरदोई के कुछ युवक बुजुर्ग, बेसहारा और जरूरतमंद लोगों को भोजन मुहैय्या करा रहे हैं.
हरदोई का अनूठा ‘‘रोटी बैंक’’ (फाइल फोटो) |
देश के पिछड़े जिलों में शुमार हरदोई में सप्ताह के हर शनिवार को ‘‘भूखा न सोये कोई रोटी बैंक’’ के संकल्प के साथ करीब 15 युवाओं की टोली गरीब और बेसहारा लोगों को घर की बनी रोटियां खिलाने में जुटी है.
मुहिम में शामिल सदस्यों में एक विक्रम पाण्डेय कहते हैं कि उन्होने रोटी बैंक की मुहिम बुंदेलखंड समेत देश के अन्य क्षेाों में लोगों द्वारा चलाये जा रहे रोटी बैंक से प्रेरणा से शुरू की थी. इस संगठन ने हालांकि अभी इस मुहिम की शुरुआत सप्ताह में केवल एक दिन के साथ शुरू की है. शनिवार को युवाओं की टोली रेलवे स्टेशन ,बस अड्डा और अस्पताल समेत अन्य सार्वजनिक स्थानों पर गरीब और बेसहारा लोगों को रोटी वितरण करती है.
युवाओं का दल रोटी का इंतजाम शहर के वाडरे से मोहल्लों तक घर घर जाकर करता है. दिन के पहले पहर तक उनके पास करीब 2000 रोटियां इकट्ठा हो जाती है. रोटी के साथ सब्जी, आचार, मिर्च, गुड का खर्चा युवा स्वंय वहन करते हैं. इन रोटियों को साफ़ सफाई से पैकेटो में पैक कर वितरित किया जाता है.
मुहिम में शामिल युवाओं का कहना है कि उन्होंने बड़े सीमित संसाधनों से इसकी शुरूआत की थी. स्थानीय लोगों ने उनका उत्साहवर्धन किया जिसके जरिये वे जल्द ही हर रोज रोटी वितरण की मुहिम शुरू करने जा रहे हैं. शहर के करीब 350 से अधिक घर इस मुहिम से जुड़ गए हैं, हालांकि प्रत्येक घर से यह लोग 2 रोटी ही देने की बात कहते हैं लेकिन मदद के नाम पर चार से दस रोटियां तक मिल रही हैं.
रोटी बैंक के सदस्य अनुभव बाजपेयी के अनुसार रोटी बैंक में रोटी आ जाने के बाद इसी संगठन से जुड़े लोग पहले उन आई रोटियों के पैकेट को खोलने के बाद उनको एक जगह एका करते हैं उसके बाद उनको सब्जी,अचार ,प्याज और गुड के साथ दूसरे लिफाफों में पैक करने में इसी संगठन के लोग तनमन से जुटते भी है. इसके बाद रोटी बैंक के लोग इन पैकेटों को जरुरतमंदो को पहुचांते भी है. रोटी बैंक के सदस्यों के मुताबिक उनको इस सेवा भाव से संतुष्टि मिलती है.
Tweet |