हंसराज ने रेत को ही भोजन बना लिया
यूपी (उत्तर प्रदेश) के रहने वाला मजदूर हंसराज रोज एक प्लेट बालू खाता है जिसे डॉक्टरों ने इसे ‘पिका’ बीमारी से पीड़ित नाम दिया है.
हंसराज (फाइल फोटो) |
यदि कोई व्यक्ति अपने खाने को रेत (बालू) को ही बना ले तो इसको आप क्या कहेंगे. पर ये हकीकत है कि यूपी (उत्तर प्रदेश) के रहने वाले मजदूर हंसराज ने अपने लिए रोज एक प्लेट बालू खाना स्वीकार किया है.
डॉक्टरों ने इसे ‘पिका’ बीमारी से पीड़ित नाम दिया है. हंसराज की उम्र 45 साल है और 20 साल की उम्र से बालू खा रहा है. वो ईट भी चबा जाता है और बजरी भी खा लेता है. उसका कहना है कि उससे इन चीजों से ‘जिंदा’ रहने में मदद मिलती है.
हंसराज का केस मेडिकल साइंस के लिए भी चुनौती बन चुका है क्योंकि इतने लंबे समय से मिट्टी और रेत खाकर जीने के बावजूद वो पूरी तरह से स्वस्थ है. बल्कि पूरी तरह मेहनत-मजदूरी भी करता है. वो दिन में एक प्लेट बालू खाता है, जिससे उसका पेट भरा रहता है, वो ईटों को खाकर नाश्ता करता है.
डॉक्टरों का कहना है कि ये उसके शरीर की मांग है कि वो बालू और मिट्टी खाए. क्योंकि उसका शरीर इसका आदी हो चुका है. डॉक्टरों ने हंसराज को चेताया भी है कि वो इन सब चीजों से दूर रहे, क्योंकि उसे गंभीर परिणाम भुगतने पड़ सकते . पर हंसराज का कहना है कि वो पूरी तरह से फिट है और बालू खाने से उसके शरीर को मिनरल्स मिलते हैं. जो उसे स्वस्थ रखते हैं.
हंसराज अपनी इस आदत की वजह से ‘द सैंड मैन’ नाम से मशहूर हैं. वो कहते हैं कि डॉक्टरों ने मुझसे कहा है कि बालू और मिट्टी से मेरे पेट और मुंह में गंभीर बीमारियां हो सकती हैं. पर मुझे ऐसा नहीं लगता.
हंसराज ने कहा कि मुझे इसका टेस्ट (स्वाद) अच्छा लगता है इसलिए मैं यह खाता हूं. मैं यह बालू चाय के साथ और ब्रेड के साथ भी खाता हूं और मैं पूरी तरह से स्वस्थ हूं और मुझे कोई परेशानी या बीमारी नहीं है.
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