‘मोदी सरकार में सच्चर की मूल भावना पर होगा अमल, पर आरक्षण की शक्ल में नहीं’
सच्चर कमेटी की सिफारिशों की मूल भावना यही है कि अल्पसंख्यकों की शैक्षणिक और सामाजिक स्थिति में सुधार होना चाहिए.
BJP Minority Morcha President Abdul Rashid Ansari |
भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा ने कहा है कि देश में नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सरकार बनने पर अल्पसंख्यकों की शैक्षणिक और सामाजिक स्थिति में सुधार के लिए सच्चर कमेटी की सिफारिशों की मूल भावना पर अमल किया जाएगा, लेकिन कोई कदम आरक्षण की शक्ल में नहीं होगा.
भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा के अध्यक्ष अब्दुल रशीद अंसारी ने बातचीत में कहा, ‘सच्चर कमेटी की सिफारिशों की मूल भावना यही है कि अल्पसंख्यकों की शैक्षणिक और सामाजिक स्थिति में सुधार होना चाहिए. केंद्र में हमारी सरकार बनने पर इसी के तहत अमल होगा, लेकिन आरक्षण के पहलू पर हमारी स्पष्ट राय है. संविधान में धर्म के आधार पर आरक्षण की व्यवस्था नहीं है, ऐसे में आरक्षण की शक्ल में कोई कदम नहीं उठाया जाएगा.’
उन्होंने भाजपा के चुनावी घोषणापत्र में अल्पसंख्यकों से संबंधित वादों का जिक्र करते हुए कहा, ‘भाजपा का लक्ष्य है कि समाज के सभी तबकों और पूरे देश की तरक्की हो. आज के समय में सबसे बड़ी जरूरत यह है कि अल्पसंख्यक की शैक्षणिक और सामाजिक स्थिति में सुधार किया जाए. उर्दू और वक्फ के विकास के मुद्दे भी अहम हैं.’
अंसारी ने आरोप लगाया कि केंद्र की वर्तमान संप्रग सरकार सच्चर कमेटी की सिफारिशों को लागू करने में विफल रही.
उन्होंने कहा, ‘यह सरकार पूरी तरह विफल रही है. सिर्फ छात्रवृत्ति के मामले में 50 फीसदी लक्ष्य हासिल करने की बात सामने आती है. अल्पसंख्यक केंद्रित जिलों में लड़कियों के लिए कितने स्कूल बने, इसका कोई आंकड़ा नहीं है. कितने मकान बने, इसका कोई आंकड़ा नहीं है. कितने छात्रावास बने, इसका कोई आंकड़ा नहीं है. यह सरकार प्रधानमंत्री के 15 सूत्री कार्यक्रम को लागू के लक्ष्य को भी हासिल नहीं कर सकी.’
अंसारी ने इस कथित धारणा को पूरी तरह से खारिज कर दिया कि देश के मुस्लिम समुदाय में भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी को लेकर डर है.
उन्होंने कहा, ‘मोदीजी से मुस्लिम समुदाय कतई नहीं डरता. कुछ लोग 12 साल से अपने एजेंडे के तहत अल्पसंख्यकों को डराने की कोशिश करते आ रहे हैं, परंतु वे नाकाम रहे. मोदी से कुछ राजनीतिक दल डरे हुए हैं.’
अंसारी कहा, ‘मोदी जी का किरदार देखना है तो बेहतर होगा आप गुजरात जाएं. ..वहां का मुसलमान बताएगा कि मोदीजी ने क्या किया अथवा अल्पसंख्यक उनसे खुश हैं या नहीं. यहां या देश के किसी और हिस्से में बैठकर कोई व्यक्ति कहता है कि वह जो बोल रहा है वो गुजरात के मुसलमानों की राय है तो इस पर क्या कहा जाएगा. क्या किसी को ऐसा करने का हक है. यह गलत है.’
सांप्रदायिक हिंसा विरोधी विधेयक को लेकर केंद्र सरकार पर गंभीर नहीं होने का आरोप लगाते हुए अल्पसंख्यक मोर्चा के अध्यक्ष ने कहा, ‘कोई भी विधेयक लाने से पहले सरकार विपक्ष के साथ चर्चा करती है, लेकिन सांप्रदायिक हिंसा विरोधी विधेयक को लेकर उसने ऐसा प्रयास नहीं किया. इसको लेकर सरकार गंभीर नहीं थी, वह सिर्फ दिखावा कर रही थी. हमारा कहना है कि ऐसा माहौल बनाया जाए जिसमें सांप्रदायिक हिंसा बिल्कुल नहीं हो और समाज में सौहार्द बना रहे.’
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