Video: कॉरपोरेट जगत ने कहा, आम जनता के लिए अच्छा बजट

Last Updated 29 Feb 2016 03:43:38 PM IST

वित्त मंत्री अरुण जेटली ने बजट 2016 पेश करते हुए इसे गरीबों का बजट बताया.


कॉरपोरेट जगत ने बजट को सराहा

वित्त मंत्री के पेश बजट में ग्रामीण क्षेत्र के लिए मदद और स्वास्थ्य कार्यक्रमों की घोषणा एक रणनीतिक बदलाव की ओर इशारा कर रही है जो भारतीय जनता पार्टी को आने वाले राज्यों के चुनाव में फायदा पहंचा सकता है.

बजट पर कॉरपोरेट जगत की राय

सहारा इंडिया मीडिया के ग्रुप सीईओ एवं एडिटर इन चीफ श्री उपेंद्र राय ने बजट को आम लोगों के लिए अच्छा बताया है, उन्होंने कहा 'बजट में तीन सेक्टर- सोशल सेक्टर, इन्फ्रास्ट्रक्चर सेक्टर, एग्रीकल्चर सेक्टर को वित्त मंत्री अरुण जेटली ने बड़े पैमाने पर रियायत दी गई है.

श्री राय ने कहा कि जिस तरह से उन्होंने एग्रीकल्चर और सोशल सेक्टर को मिला 9 लाख करोड़ का बजट दिया है जो पिछले बजट में 8 लाख 50 हज़ार करोड़ था वो तारीफ के काबिल है.

माना जा रहा था कि पिछले बजट के आवंटन को बढ़ाना वित्त मंत्री के लिए संभव नहीं होगा. इसी तरह इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर को 2 लाख 18 हज़ार करोड़ रुपये का अवांटन किया गया है. तो कुल मिलाकर बजट आम आदमी के लिए अच्छा है.

सहारा इंडिया के सीईओ ने सरकार के टैक्स रिफॉर्म की भी तारीफ की...उन्होंने कहा कि एचआरए 24 हज़ार से बढ़ाकर 60 हज़ार करना बड़ा कदम है.

इसके साथ ही ब्लैक मनी को मार्किट में लाने के लिए लाई गई योजना की भी उन्होंने तारीफ की. सरकार 7.5 प्रतिशत टैक्स देकर ब्लैक मनी को वाइट करने की योजना लाई है, इसके तहत ब्लैक मनी घोषित करने पर न मामला दर्ज होगा ना कोई पेनल्टी लगेगी.
 
सीईओ उपेंद्र राय ने कहा कि शेयर बाज़ार उठा-पटक के अपने कारण है. जब सरकार सोशल सेक्टर और ग्रामीण इलाके के विकास जैसे मुद्दों पर जोर देती है तो कॉर्पोरेट से अच्छी प्रतिक्रिया नहीं मिल पाती है.

HDFC बैंक मुंबई के हेड एफएक्स आशुतोष राणा ने कहा कि  HDFC बेंक के हेड आशुतोष राणा ने भी बजट की तारीफ की, उन्होने कहा "सच में बहुच अच्छा बजट है. राजकोषीय अनुशासन का अनुपालन करते हुए विकास पर ज़ोर, और मूलभूत ढांचे पर खर्च बढ़ाना. इस बजट के मुख्य बिंदु है. 

ड्रायरेक्ट टेक्स, BDO इंडिया मैनेजिंग  पार्टनर और हेड मिलंद कोठारी ने कहा कि बैंकों के लिए सरकार को कुछ ज्यादा करना चाहिए था. उन्होंने कहा कि बैंकों को दिए गए 25,000 करोड़ रुपये सिर्फ उस 1,80,000 करोड़ का एक तुकड़ा मात्र है जिसे आर्थिक सर्वेक्षण में वक्त की ज़रुरत बताए गए था. बेंक सेक्टर को प्राइवेट निवेश के क्षेत्र में महत्वपूर्ण भूमिका निभानी है जिसके बिना अर्थव्यवस्था के चौतरफा विकास संभव नहीं है.

जाइंट थोरेंटो इंडिया  LLP, नोएडा की पार्टनर  वृंदा माथुर ने कहा ने कहा कि पेशकश तो अच्छी है लेकिन अभी ज़मीन पर कितनी उतार पाते है वित्त मंत्री देखना होगा. उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य बीमा क्षेत्र पर की गई टिप्पणी स्वागत योग्य है, स्वास्थ्य क्षेत्र पर खर्च बढ़ाया गया है. लेकिन देखना होगा कि जितनी घोषणाएं की गई हैं उसमें से कितनी ज़मीन पर उतार पाते हैं.



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