बजट : कृषि क्षेत्र को 36,000 करोड़, कृषि ऋण नौ लाख करोड़ रुपए करने का लक्ष्य

Last Updated 29 Feb 2016 01:34:04 PM IST

वित्त मंत्री अरुण जेटली ने 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने के दीर्घ कालिक लक्ष्य के साथ इस कृषि क्षेत्र के लिए करीब 36,000 करोड़ रुपए के आवंटन की घोषणा की.


(फाइल फोटो)

साथ ही उन्होंने अगले वित्त वर्ष के लिए कृषि ऋण का लक्ष्य बढ़ाकर नौ लाख करोड़ रुपए करने का प्रस्ताव किया. उन्होंने कृषि ऋण पर ब्याज छूट के लिए 15,000 करोड़ रुपए का आवंटन किया जबकि नयी फस्ल बीमा योजना के लिए 5,500 करोड़ रुपए और दलहन उत्पादन को प्रोत्साहन प्रदान करने के लिए 500 करोड़ रुपए का आवंटन किया.

जेटली ने यह भी कहा कि एकीकृत कृषि बाजार 14 अप्रैल को पेश किया जाएगा और मार्च 2017 तक सभी 14 करोड़ किसानों को मृदा स्वास्थ्य कार्ड प्रदान किया जाएगा.

जेटली ने लोकसभा में 2016-17 का बजट पेश करते हुए कहा, ‘हमें अपने किसानों का आभारी होना चाहिए जो देश की खाद्य सुरक्षा की रीढ़ हैं. हमें खाद्य सुरक्षा से परे सोचने और किसानों को आय सुरक्षा के लिहाज से वापस करने की जरूरत है.’

उन्होंने कहा, ‘सरकार कृषि और गैर कृषि क्षेत्र में अपने हस्तक्षेप पर नए सिरे से ध्यान दिया जाएगा ताकि 2022 तक किसानों की आय दोगुनी हो सके.’

जेटली ने कहा, ‘कृषि और किसानों के कल्याण के लिए हमारा कुल आवंटन 35,984 करोड़ रुपए है.

वित्त मंत्री ने कहा कि यह सुनिश्चित करने पर जोर दिया गया है कि किसानों को पर्याप्त और समय पर ऋण मिले. उन्होंने कहा, ‘वित्त वर्ष 2015-16 में 8.5 लाख करोड़ रुपए के लक्ष्य के मुकाबले 2016-17 में कृषि ऋण का लक्ष्य नौ लाख करोड़ रुपए होगा जो आज तक का उच्चतम स्तर है.’

किसानों के ऋण भुगतान का बोझ कम करने के लिए उन्होंने कहा कि ब्याज छूट के लिए 2016-17 बजट में 15,000 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है.

जेटली ने कहा कि सरकार ने एक उल्लेखनीय फसल बीमा योजना, ‘प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना’ पेश की है जिसके लिए 5,500 करोड़ रपए का आवंटन किया गया है ताकि 2016-17 में प्रभावी कार्यान्वयन हो सके.

उन्होंने कहा कि सिंचाई कृषि उत्पादन और उत्पादकता बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण है. जेटली ने कहा, ‘प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना को मिशन के तौर पर कार्यान्वित और मजबूत किया जाएगा.’

उन्होंने कहा कि 28.5 लाख हेक्टेयर भूमि को इस योजना के तहत सिंचाई के दायरे में लाया जाएगा.

जेटली ने कहा कि नाबार्ड में 20,000 करोड़ रुपए के आरंभिक कोष के साथ एक प्रतिबद्ध दीर्घकालिक सिंचाई कोष बनाया जाएगा ताकि सिंचाई सुविधा तैयार हो.

उन्होंने कहा, ‘त्वरित सिंचाई लाभ कार्यक्र म (एआईबीपी) के तहत 89 सिंचाई परियोजनाओं के कार्यान्वयन में तेजी लाई जाएगी जो काफी समय से लंबित है.’ इससे 80.6 लाख हेक्टेयर भूमि की सिंचाई में मदद मिलेगी.

उन्होंने कहा कि अगले साल 89 परियोजनाओं के लिए 17,000 करोड़ रुपए और अगले पांच साल में 86,500 करोड़ रुपए की जरूरत होगी. सरकार 31 मार्च 2017 से पहले इनमें से कम से कम 23 परियोजनाएं पूरी करेगी.



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