Bilkis Bano Case: बिलकिस बानो केस में दोषियों को सुप्रीम कोर्ट से झटका, मोहलत देने की याचिका की खारिज

Last Updated 19 Jan 2024 03:08:49 PM IST

सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को बिलकिस बानो मामले में दोषियों द्वारा संबंधित जेल अधिकारियों के सामने आत्मसमर्पण करने के लिए चार से छह सप्ताह का समय बढ़ाने की मांग वाली याचिका खारिज कर दी।


उच्चतम न्यायालय ने गुजरात में 2002 के दंगों के दौरान बिलकीस बानो से सामूहिक बलात्कार और उनके परिवार के सात सदस्यों की हत्या के मामले में आत्मसमर्पण के लिए समय बढ़ाने के अनुरोध संबंधी 11 दोषियों की याचिका शुक्रवार को खारिज कर दी।

न्यायमूर्ति बी.वी. नागरत्ना और न्यायमूर्ति उज्जल भुइयां की पीठ ने कहा कि हमने आवेदकों के वरिष्ठ अधिवक्ता और वकील तथा गैर-आवेदकों के वकील की दलीलों को भी सुना है. आवेदकों द्वारा आत्मसमर्पण के लिए और वक्त दिये जाने के लिए बताये गये कारणों में कोई दम नहीं है क्योंकि ये कारण किसी भी तरह से उन्हें हमारे निर्देशों का पालन करने से नहीं रोकते हैं. इसलिए ये याचिकाएं खारिज की जाती हैं।’’

10 दोषियों द्वारा दायर आवेदनों में खराब स्वास्थ्य, पारिवारिक जिम्मेदारियां, वृद्ध और बीमार माता-पिता की देखभाल और आगामी फसल के मौसम जैसे कारण बताए गए हैं।

गुरुवार को, शीर्ष अदालत ने इन आवेदनों को सुनवाई के लिए तत्काल सूचीबद्ध करने पर सहमति जताई थी और न्यायमूर्ति नागरत्ना और न्यायमूर्ति भुइयां को विशेष पीठ गठित करने के लिए कहा था।

सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में 11 दोषियों को सजा में छूट देने के गुजरात सरकार के फैसले को आठ जनवरी को रद्द कर दिया था. इसने दोषियों को 21 जनवरी तक जेल अधिकारियों के सामने आत्मसमर्पण करने को कहा था।
 

आईएएनएस
नई दिल्ली


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