Parliament Monsoon Session: मणिपुर मामले पर संसद में हंगामा, विपक्ष ने की नारेबाजी, 31 जुलाई तक के लिए कार्यवाही स्थगित
संसद के मानसून सत्र का आज सातवां दिन है। संसद में शुक्रवार को भी मणिपुर हिंसा का मुद्दा छाया रहा।
![]() |
आज भी इस मुद्दे पर जमकर हंगामा हुआ और दोनों सदनों की कार्यवाही सोमवार 31 जुलाई तक के लिए स्थगित हो गई।
इससे पहले शुक्रवार को 11 बजे लोक सभा की कार्यवाही शुरू होते ही सदन में कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने अतीत की परंपरा का हवाला देते हुए अविश्वास प्रस्ताव पर तुरंत चर्चा कराने की मांग की।
विपक्षी सांसद मणिपुर को लेकर भी नारे लगाने लगे।
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा कि सदन नियम कानून से चलता है। उन्होंने ( चौधरी ) जो कहा है उस पर वे अपनी व्यवस्था देंगे लेकिन प्रश्नकाल चलने दें।
सरकार की तरफ से केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री प्रल्हाद जोशी ने कहा कि "नियमों के अनुसार अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के लिए 10 दिन का समय है, आप ( स्पीकर ) जब भी तय करेंगे, हम (सरकार ) चर्चा के लिए तैयार हैं।"
उन्होंने चुनौती देते हुए कहा कि अगर विपक्ष को लगता है कि उनके पास बहुमत है तो हमारा बिल गिरा दें, निरस्त कर दें।
हंगामे के बीच बिरला ने सदन की कार्यवाही 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी।
मणिपुर हिंसा पर चर्चा के लिए राज्य सभा में 47 नोटिस, कार्यवाही सोमवार तक स्थगित
संसद में शुक्रवार को भी मणिपुर हिंसा का मुद्दा छाया रहा। राज्यसभा में हालात ये रहे कि सदन शुरू होने के कुछ देर बाद ही कार्यवाही पूरे दिन के लिए स्थगित कर दी गई। मणिपुर हिंसा पर नियम 267 के अंतर्गत चर्चा के लिए राज्यसभा में 47 नोटिस दिए गए थे। विपक्ष, मणिपुर हिंसा पर प्रधानमंत्री के बयान और सदन में विस्तार से इस मुद्दे पर चर्चा की मांग कर रहा है।
राज्यसभा के सभापति ने शुक्रवार को सदन में जानकारी देते हुए बताया कि 47 सांसदों ने नियम 267 के अंतर्गत चर्चा की मांग की है। मणिपुर हिंसा पर चर्चा की मांग करने वाले इन सांसदों में कांग्रेस अध्यक्ष व राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मलिकार्जुन खरगे, प्रमोद तिवारी, तिरुचि शिवा, जॉन बिटास, मनोज झा, शक्ति सिंह गोहिल, रंजीत रंजन, विवेक तंखा, डेरेक ओ ब्रायन, मुकुल वासनिक, रामगोपाल यादव, जया बच्चन, डोला सेन, दीपेंद्र हुड्डा व कनिमोझी समेत अन्य कई सांसद थे।
कांग्रेस समेत इंडिया गठबंधन के सभी दलों का कहना है कि वे मणिपुर हिंसा पर सदन में नियम 267 के तहत चर्चा चाहते हैं।
नेता प्रतिपक्ष मलिकार्जुन खरगे बता चुके हैं कि इस नियम के तहत सदन में विस्तार से चर्चा कराने का प्रावधान है। साथ ही चर्चा के अंत में वोटिंग भी कराई जा सकती है।
वहीं सभापति ने विपक्ष के सांसदों को बताया कि वह एवं सरकार शॉर्ट ड्यूरेशन डिस्कशन पर अपनी स्वीकृति दे चुके हैं। यानी मणिपुर हिंसा के विषय पर सदन में शॉर्ट ड्यूरेशन डिस्कशन की जा सकती है। लेकिन विपक्षी सदस्य इसके लिए तैयार नहीं हुए और सदन में हंगामा शुरू हो गया।
हंगामा बढ़ता देख सभापति ने सदन की कार्यवाही सोमवार 31 जुलाई तक के लिए स्थगित कर दी।
गौरतलब है कि मणिपुर हिंसा पर नियम 267 के तहत चर्चा न कराए जाने से नाराज, इंडिया गठबंधन से जुड़ी विपक्षी पार्टियों ने गुरुवार को राज्यसभा से वॉकआउट किया। यह लगातार तीसरा दिन था जब इंडिया गठबंधन से जुड़ी विपक्षी पार्टियों ने राज्यसभा में वॉकआउट किया।
सदन से वाकआउट करने वालों में कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, जेडीयू, आरजेडी, आम आदमी पार्टी, शिवसेना यूबीटी समेत कई दल शामिल थे। यह सभी विपक्षी दल मणिपुर हिंसा पर सदन में विस्तार से चर्चा और प्रधानमंत्री के बयान की मांग कर रहे थे। विपक्ष ने शुक्रवार को भी अपनी यह मांग और नारेबाजी जारी रखी जिसके चलते सदन की कार्रवाई सोमवार तक के लिए स्थगित करनी पड़ी।
| Tweet![]() |