साइरस मिस्त्री कार दुर्घटना मामला : ऑडिट में खराब रखरखाव, संकेत बोर्ड की कमी जैसी चीजें आई सामने

Last Updated 27 Sep 2022 05:25:10 PM IST

महाराष्ट्र के मंडोर और गुजरात में एनएच-48 के अछाड़ के बीच 70 किलोमीटर के सड़क सुरक्षा ऑडिट के कुछ निष्कर्ष सामने आए हैं। इसी मार्ग पर उद्योगपति साइरस मिस्त्री की कार दुर्घटना में मौत हो गई थी। निष्कर्ष में खराब रखरखाव, ड्राइवरों का मार्गदर्शन करने वाले बोर्ड का न होना, तकरीबन 24 से ज्यादा मोड़ और संकेत बोर्ड की कमी जैसी चीजें सामने आई हैं। ऑडिट इंटरनेशनल रोड फेडरेशन (आईआरएफ) की एक टीम द्वारा किया गया।




उद्योगपति साइरस मिस्त्री की कार दुर्घटना

बता दें कि उद्योगपति साइरस मिस्त्री और एक अन्य की मौत एक कार दुर्घटना में 4 सितंबर को हो गई थी।

इंटरनेशनल रोड फेडरेशन (आईआरएफ) के इंडिया चैप्टर की टीम द्वारा ऑडिट में दुर्घटनाओं को रोकने के लिए तत्काल कम लागत वाले काउंटर उपायों की सिफारिश की गई है। इनमें डायवर्सन और पुलों से पहले गति सीमा में कमी, कम कैरिजवे और ओवरटेकिंग के खिलाफ चेतावनी, रखरखाव, मोड़ और ड्राइवरों को मार्गदर्शन करने के लिए उचित संकेत बोर्ड शामिल हैं।

इंटरनेशनल रोड फेडरेशन (आईआरएफ) एमेरिटस के अध्यक्ष के.के. कपिला ने कहा, पालघर में दुर्घटना के एक हफ्ते बाद ही ऑडिट किया गया था। आईआरएफ ने कहा कि ऑडिट भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) की सहमति के बाद किया गया। रिपोर्ट को कार्रवाई के लिए एमओआरटीएच और एएनएचएआई को सौंप दिया गया है।

उन्होंने कहा, एनएच-48 का 70 किलोमीटर लंबा सेक्शन छह लेन वाला राजमार्ग है, बाएं हाथ की ओर सूर्य नदी पुल (एलएचएस) है, जहां मिस्त्री की कार दुर्घटनाग्रस्त हुई थी।

आईआरएफ-इंडिया चैप्टर के अध्यक्ष सतीश पारख ने कहा, इस लोकेशन पर, पुल पर दो लेन का कैरिजवे है और एक संकरे पुल के माध्यम से अलग कैरिजवे है। यह एलएचएस कैरिजवे पर पुल से पहले 75-100 मीटर की दूरी तय करने पर पहुंचा सकता है।

पारख ने कहा, ऑडिट में पाया गया कि इस सेक्शन पर कई बड़े और छोटे स्ट्रक्चर्स हैं, जिनमें फ्लाईओवर, वाहनों के नीचे के पास, पैदल यात्री अंडर पास, पुल और पुलिया शामिल हैं। यह पाया गया कि जिस स्थान पर दुर्घटना हुई है, वहां तीसरी लेन के लिए एक डायवर्सन बनाया गया है, लेकिन वहां कोई संकेत बोर्ड नहीं है।

ऑडिट विशेषज्ञों ने पुल से पहले 500 मीटर और 250 मीटर पर 'नैरो ब्रिज अहेड' साइन, 400 मीटर और 200 मीटर पर 'रिड्यूस कैरिजवे-लेफ्ट लेन रिड्यूस्ड' साइन और 'राइट-हैंड कर्व वानिर्ंग' के चेतावनी संकेत लगाने की सिफारिश की है।

इसके साथ रिपोर्ट में सिफारिश की गई है कि 'रिड्यूस स्पीड लिमिट' के साइन पुल से एक किमी दूर लगाए जाने चाहिए।

 

आईएएनएस
नई दिल्ली


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