दक्षिण के कई राज्यों में हड़ताल का रहा असर

Last Updated 29 Mar 2022 02:58:33 AM IST

श्रमिक संगठनों की दो दिन की देशव्यापी हड़ताल का पहले दिन मिलाजुला असर देखा गया। हड़ताल को लेकर अलग-अलग दावे भी किए गए।


दक्षिण के कई राज्यों में हड़ताल का रहा असर

 दस श्रमिक संगठनों ने दावा किया है कि 20 करोड़ से ज्यादा श्रमिक हड़ताल पर चले गए हैं। कई राज्यों में प्रदर्शनकारी श्रमिकों को गिरफ्तार किए जाने की भी खबर है।

उत्तर भारत की अपेक्षा दक्षिण के कई राज्यों में हड़ताल का व्यापक अधिक असर देखा गया। तमिलनाडु में सत्ताधारी दल द्रमुक के सहयोग की वजह से हड़ताल पहले दिन काफी सफल रही। यहां सड़क जाम कर रहे 2000 श्रमिकों को पहले कानून व्यवस्था के चलते गिरफ्तार किया गया लेकिन द्रमुक के समर्थन की वजह से जल्द रिहा भी कर दिया गया। बड़ी संख्या में हड़ताली श्रमिक पश्चिम बंगाल में भी गिरफ्तार किए गए।

एचएमएस ने कहा कि कहा कि असम में उसके महासचिव आशीष विश्वास को तब गिरफ्तार किया गया जब वह सड़क पर हड़ताल के समर्थन में प्रदर्शन कर रहे थे। केरल, तेलंगाना, आंध्र और कर्नाटक में हड़ताल की वजह से कई तरह की सेवाएं प्रभावित रहीं।

हड़ताल का समर्थन करने वाला संयुक्त किसान मोर्चा चर्चा में नहीं रहा। संयुक्त किसान मोर्चा ने वादा किया था कि गांव बंद कराएगा लेकिन उसने इस बारे में शाम तक कुछ नहीं बताया। इस बार बंदरगाह पर काम करने वाले श्रमिक हड़ताल पर नहीं गए क्योंकि मांगों के संबंध में उनकी प्रबंधन से बातचीत चल रही है।

हालांकि हड़ताल के समर्थन में बंदरगाह के श्रमिकों ने कार्यस्थल पर प्रदर्शन अवश्य किया। उधर, श्रम संगठन दावा कर रहे हैं कि विशाखापट्टनम में सरकारी स्टील प्लांट में कामकाज ठप रहा। इंडियन ऑयल की बरौनी और मुगलसराय पाइपलाइन की देखरेख करने वाले श्रमिकों ने भी हड़ताल का समर्थन किया।

अजय तिवारी/सहारा न्यूज ब्यूरो
नई दिल्ली


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