पहले दो चरणों के लिये उम्मीदवारों के नाम पर बंगाल भाजपा बृहस्पतिवार को लेगी फैसला

Last Updated 03 Mar 2021 07:30:47 PM IST

पश्चिम बंगाल भाजपा के अध्यक्ष दिलीप घोष ने बुधवार को कहा कि पार्टी की राज्य इकाई ने राज्य के विधानसभा चुनाव के शुरुआती दो चरणों में हर सीट पर औसतन 4-5 नामों को छांटा है और इनमें से अंतिम नाम पर फैसला चार मार्च को होगा।


पहले दो चरणों के लिये उम्मीदवारों के नाम पर बंगाल भाजपा बृहस्पतिवार को लेगी फैसला

कौन सा उम्मीदवार किस सीट से चुनाव लड़ेगा इस पर अंतिम फैसला लेने वाली पार्टी की केंद्रीय चुनाव समिति (सीईसी) की बृहस्पतिवार को नयी दिल्ली में बैठक होगी जिसमें 60 सीटों पर उम्मीदवारों के नाम तय किये जाएंगे।

पश्चिम बंगाल में 27 मार्च और एक अप्रैल को क्रमश: पहले और दूसरे चरण के विधानसभा चुनावों में 30-30 सीटों पर चुनाव होने हैं। दूसरे चरण में जिन सीटों पर चुनाव होना है उनमें तृणमूल कांग्रेस प्रमुख और प्रदेश की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की नंदीग्राम विधानसभा सीट भी आती है।

घोष ने कहा, ‘‘हमें अपनी जिला इकाइयों से पहले दो चरणों के लिये 120-140 नाम प्राप्त हुए हैं। इनके अलावा सैकड़ों और नाम हैं। हमनें 20-25 नाम प्रत्येक सीट के लिये रखे और उनमें से हर सीट के लिये 4-5 नाम छांटे। कुछ और नाम हटाए जाएंगे और उसके बाद, पार्टी नेतृत्व को अंतिम नाम तय करना है।’’

उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘‘यह दर्शाता है कि समाज के विभिन्न वगरें के लोग हमसे जुड़ने को लेकर बेहद इच्छुक हैं।’’

बंगाल के चुनाव में टीएमसी और भाजपा के बीच कड़े मुकाबले की उम्मीद जताई जा रही है। ये चुनाव 27 मार्च से 29 अप्रैल के बीच आठ चरणों में होंगे। मतगणना दो मई को होनी है।

प्रदेश भाजपा के सूत्रों के मुताबिक पार्टी ने हाल में हुई अपनी कोर समिति की बैठक के दौरान कई युवा चेहरों और पेशेवरों को खड़ा करने का फैसला किया है।

पूर्व मंत्री राजीव बनर्जी और शुभेंदु अधिकारी समेत तृणमूल कांग्रेस से भगवा दल का दामन थामने वाले 19 विधायकों को उनके पुराने विधानसभा क्षेत्रों से ही टिकट दिये जाने के अलावा पार्टी द्वारा बंगाली फिल्म जगत से जुड़े कई लोगों को भी टिकट दिये जाने की उम्मीद है।

सूत्रों ने कहा कि घोष को खड़गपुर सदर सीट से खड़ा किये जाने की चर्चा है जिस पर उन्होंने 2016 में जीत हासिल की थी। उन्होंने हालांकि 2019 में गोपीबल्लुपुर लोकसभा सीट से चुनाव जीतने के बाद विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था।

बाद में खड़कपुर सीट पर हुए उपचुनाव के दौरान भाजपा उम्मीदवार को टीएमसी उम्मीदवार से शिकस्त झेलनी पड़ी थी।

पार्टी हालांकि अभी इस बात को लेकर दुविधा में है कि अधिकारी को नंदीग्राम सीट से खड़ा किया जाए या नहीं। पिछले साल दिसंबर में इस्तीफा देकर भाजपा में शामिल होने से पहले वह इस सीट से विधायक थे।

भाजपा 2019 के लोकसभा चुनावों में पश्चिम बंगाल की 42 में से 18 सीटें जीतकर सत्ताधारी तृणमूल कांग्रेस की मुख्य प्रतिद्वंद्वी बनकर उभरी।

राज्य में पिछले कुछ सालों में भाजपा का प्रभाव बढा है और उसके नेताओं को दावा कि वे ममता बनर्जी के 10 सालों के शासन का इस विधानसभा चुनाव में अंत कर देंगे।

भाषा
कोलकाता


Post You May Like..!!

Latest News

Entertainment