प्रधानमंत्री मोदी, सोनिया गांधी ने संसद भवन में महात्मा गांधी, शास्त्री को दी श्रद्धांजलि
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला समेत कई वरिष्ठ केंद्रीय मंत्रियों एवं सांसदों ने बुधवार को संसद भवन परिसर में राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी और पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री को उनकी जयंती पर श्रद्धासुमन अर्पित किये।
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मोदी और बिरला के अलावा रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, रेल मंत्री पीयूष गोयल, राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आाद, पूर्व उप प्रधानमंत्री लाल कृष्ण आडवाणी, कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गाँधी, कांग्रेस सांसद राहुल गाँधी ने संसद भवन के केंद्रीय कक्ष में राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी और लाल बहादुर शास्त्री के चित्र पर श्रद्धासुमन अर्पित किये।
इससे पहले आज बापू की 150वीं जयंती के अवसर पर संसद भवन परिसर में उनकी प्रतिमा के पास एक समारोह का आयोजन किया गया जिसकी अध्यक्षता बिरला ने की।उन्होंने कहा कि आज का दिन ऐतिहासिक है क्योंकि न केवल भारत में बल्कि पूरी दुनिया में महात्मा गाँधी की 150वीं जयंती मनाई जा रही है। उन्होंने कहा कि बापू ने सत्य और अहिंसा के शात सिद्धांतों को अपनाते हुए देश के स्वतनता आंदोलन का नेतृत्व किया जो आगे जाकर एक ऐसा जन आंदोलन बन गया जो अ¨हसा पर आधारित था।
लोकसभा अध्यक्ष ने कहा कि इस दिन देश ने स्वच्छ भारत का लक्ष्य भी प्राप्त कर लिया है और अब हमें देश से एकल इस्तेमाल वाले प्लास्टिक का प्रयोग समाप्त करने का संकल्प लेना चाहिए। इस समारोह में अनेक केंद्रीय मंत्री, राज्य मंत्री, संसद सदस्य, लोक सभा महासचिव स्नेहलता श्रीवास्तव और अनेक अन्य विशिष्टजन शामिल हुए।
पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री का स्मरण करते हुए बिरला ने कहा कि शास्त्री ने देश के किसानों को स्वावलंबी बनाने के लिए अथक प्रयास किए। उनके इन्हीं प्रयासों के परिणामस्वरूप भारत अब खाद्य और कृषि के क्षेा में आत्मनिर्भर हो गया है। उन्होंने संसद सदस्यों और देशवासियों को महात्मा गांधी की शिक्षाओं का अनुसरण करने और देश के निर्धनतम व्यक्ति के लिए शांति और न्याय के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए निरंतर प्रयास करने का आग्रह किया।
इससे पहले संसद परिसर में खादी और ग्रामोद्योग आयोग (केवीआईसी) द्वारा चरखा कातने का प्रदर्शन किया गया। बिरला और अन्य विशिष्टजनों ने भी चरखा चलाया और महात्मा गांधी को भावभीनी श्रद्धांजलि दी। हिन्दुस्तानी शासीय संगीत के सुविख्यात गायक और पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित मधुप मुद्गल ने भजन गाये।
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