करगिल युद्ध में मिराज के लिये तैयार की गई थी टारगेटिंग पॉड्स और लेजर निर्देशित बम प्रणाली : धनोआ

Last Updated 24 Jun 2019 12:19:26 PM IST

करगिल युद्ध के 20 साल पूरे होने के अवसर पर भारतीय वायुसेना ने सोमवार को ग्वालियर हवाई अड्डे को एक युद्ध थिएटर में तब्दील कर दिया है जिसमें 1999 में हुए अभियान की कुछ महत्वपूर्ण घटनाओं का नाटकीय रूपांतरण पेश किया गया है।


एयर चीफ मार्शल बीएस धनोआ

वायुसेना प्रमुख बी एस धनोओ ने सोमवार को कहा कि करगिल युद्ध के दौरान टारगेटिंग पॉड्स के एकीकरण और मिराज 2000 विमानों के लिये लेजर-निर्देशित बम प्रणाली तैयार करने का काम रिकॉर्ड 12 दिनों में किया गया था।     

वायुसेना प्रमुख ने कहा, ‘‘मिराज 2000 में बदलाव की प्रक्रिया जारी थी, जिसे शीघ्र ही कर लिया गया और फिर इस प्रणाली को करगिल युद्ध में लाया गया।’’      

वायुसेना प्रमुख ने कहा, ‘‘लाइटनिंग टारगेटिंग पॉड और लेजर गाइडेड बम प्रणाली को रिकॉर्ड 12 दिन के भीतर पूरा कर लिया गया।’’ उन्होंने कहा कि मिराज 2000 जेट विमानों और थल सेना को वायुसेना के सहयोग ने 1999 के युद्ध का रुख ही पलट दिया।      

धनोआ ने बालाकोट पर कहा, ‘‘पाकिस्तान हमारे हवाईक्षेत्र में दाखिल नहीं हो पाया, हमने उसके आतंकवादी ठिकानों को निशाना बनाया जबकि वह हमारे सैन्य अड्डों का निशाना बनाने में नाकाम रहा।’’      

अरुणाचल प्रदेश में वायुसेना के एएन-32 विमान के दुर्घटनाग्रस्त होने की हालिया घटना को लेकर पूछे गये सवाल पर धनोआ ने कहा, ‘‘एएन-32 विमान पहाड़ी इलाकों में उड़ान भरना जारी रखेगा, क्योंकि इस विमान का हमारे पास कोई विकल्प नहीं है।’’  उन्होंने कहा, ‘‘हमलोग अधिक उन्नत विमान हासिल करने की प्रक्रिया में हैं, जिनके मिलते ही एएन-32 को हटाकर उन्नत विमानों को महत्वपूर्ण भूमिका में लगाया जायेगा। एएन-32 विमानों का इस्तेमाल इसके बाद परिवहन और प्रशिक्षण उद्देश्य से किया जायेगा।’’      

अरुणाचल प्रदेश के पर्वतीय इलाकों में स्थित घने जंगलों में इस महीने एक एएन-32 विमान के दुर्घटनाग्रस्त हो जाने से उसमें सवार सभी 13 सैन्यकर्मियों की मौत हो गयी थी।   

 

करगिल युद्ध की 20वीं वषर्गांठ: वायुसेना ने ग्वालियर हवाई अड्डे को ‘युद्ध थियेटर’ में बदला

करगिल युद्ध के 20 साल पूरे होने के अवसर पर भारतीय वायुसेना ने सोमवार को ग्वालियर हवाई अड्डे को एक युद्ध थिएटर में तब्दील कर दिया है जिसमें 1999 में हुए अभियान की कुछ महत्वपूर्ण घटनाओं का नाटकीय रूपांतरण पेश किया गया है।              

जम्मू कश्मीर के द्रास-करगिल इलाके में टाइगर हिल हमले का एक प्रतीकात्मक ‘रूपांतरण’ किया गया है जिसमें युद्ध की महत्वपूर्ण घटनाओं को फिर से बनाने के वास्ते ‘मॉडल हिल’ को उड़ाने के लिए वायु सेना ने मिराज 2000 विमान और विस्फोटकों का इस्तेमाल किया है।         

इस आयोजन के मुख्य अतिथि एयर चीफ मार्शल बीएस धनोआ थे।    

भारतीय वायुसेना ने युद्ध के 20 साल पूरा होने के उपलक्ष्य में हवाई अड्डे पर कई गतिविधियों की योजना बनाई है और टाइगर हिल हमले का प्रतीकात्मक ‘रूपांतरण’ उनमें से एक है।   

हवाई अड्डे पर स्थित प्रदर्शनी में पांच मिराज 2000, दो मिग 21 और एक सुखोई 30 एमकेआई तैनात किया गया है। 2000 मिराज में से एक ने स्पाइस बम वाहक को दिखाया गया। बम का इस्तेमाल फरवरी में बालाकोट हवाई हमले में किया गया था।        

वायुसेना के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, ‘‘करगिल युद्ध उच्च पर्वतीय परिस्थितियों में वायु शक्ति के उपयोग का एक अनुकरणीय अनुभव है..।’’         

‘ऑपरेशन विजय’ का हिस्सा रहे वीरता पुरस्कार पाने वाले कई सेवारत और सेवानिवृत्त वायुसेना कर्मी इस कार्यक्रम में भाग ले रहे हैं।        

एक अधिकारी ने कहा कि भारतीय सशस्त्र बलों ने द्रास-करगिल क्षेत्र में रणनीतिक पहाड़ी से दुश्मन को सफलतापूर्वक भगाने के लिए असाधारण वीरता का प्रदर्शन किया था।

 

भाषा
ग्वालियर


Post You May Like..!!

Latest News

Entertainment