कांग्रेस कभी गठबंधन के केंद्र में नहीं हो सकता : जेटली
वित्तमंत्री अरुण जेटली ने शुक्रवार को कहा कि कांग्रेस कभी गठबंधन के केंद्र में नहीं हो सकता, सिर्फ पिछलग्गू बन सकता है।
वित्तमंत्री अरुण जेटली |
वित्तमंत्री अरुण जेटली ने कांग्रेस पर तंज कसते हुए यह बात 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले विपक्षी दलों द्वारा महागठबंधन बनाने के प्रयास के संबंध में कही। उन्होंने इसे विफल प्रयास करार दिया।
उन्होंने कहा, "भारत पांचवीं बार विफल अवधारणा को प्रयोग करने जा रहा है। महागठबंधन अस्थायी अवधारणा है जो बिखर जाता है।"
जेटली ने इंडिया टुडे को दिए एक साक्षात्कार में कहा, "राजनीतिक विरोधियों का गठबंधन भारत को पीछे (प्रगति की उल्टी दिशा में) की ओर ले जाएगा। मतदाता सोचेंगे कि इस तरह के गठबंधन के साथ खुदकुशी क्यों करें।"
उन्होंने कहा कि प्रस्तावित महागठबंधन का विफल होना तय है क्योंकि इसमें मुख्य छवि का अभाव है।
उन्होंने कहा, "महागठबंधन का कोई केंद्र नहीं है।"
राहुल गांधी के गठबंधन के चेहरे के रूप में उभरने को लेकर पूछे गए सवाल पर जेटली ने कहा, "गठबंधन का पिछलग्गू उसके केंद्र में नहीं रह सकता है।"
उन्होंने कहा कि गठबंधन के नेता चाहते हैं कि कांग्रेस उनको समर्थन दे, उनका कोई विचार नहीं है।
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता ने कहा, "महागठबंधन में कौन किसका उपयोग करेगा और कौन किसको ठोकर मारेगा, यह स्पष्ट नहीं है।"
विपक्ष के प्रयासों को विफल अवधारणा करार देते हुए उन्होंने कहा कि इस देश के लोग महागठबंधन को समर्थन नहीं देंगे।
उन्होंने कहा, "गठबंधन मुख्यरूप से महत्वाकांक्षी नेताओं का एक समूह है जिनके पास जनाधार नहीं है।"
पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव संपन्न होने के शीघ्र बाद आगामी लोकसभा चुनाव 2019 को लेकर भाजपा के खिलाफ विपक्षी दलों की रणनीति तय करने के लिए एक बैठक हो सकती है।
आंध्रप्रदेश के मुख्यमंत्री और तेलुगू देशम पार्टी (तेदेपा) नेता चंद्रबाबू नायडू ने भाजपा के खिलाफ एक मोर्चा तैयार बनाने के लिए कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के शरद पवार, द्रमुक नेता एम. के. स्टालिन, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, नेशनल कान्फ्रेंस के फारूक अब्दुल्ला, पूर्व प्रधानमंत्री और जनता दल सेक्यूलर सुप्रीमो एच. डी. देवगौड़ा, और बहुजन समाज पार्टी प्रमुख मायावती समेत कई नेताओं से मुलाकात की है।
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