पाकिस्तान पर आतंकवाद रोक के लिए दबाव बढाने की गुंजाइश : जनरल रावत

Last Updated 14 Jan 2018 07:03:38 PM IST

सेना प्रमुख बिपिन रावत ने कहा कि जम्मू कश्मीर में शांति लाने के लिए सैन्य अभियानों के ‘‘साथ साथ’’ राजनीतिक पहल जारी रहनी चाहिए.


सेना प्रमुख बिपिन रावत (फाइल फोटो)

सेना प्रमुख रावत ने राज्य में सैन्य अभियान तेज करने का समर्थन किया जिससे कि सीमापार आतंकवाद रोकने के लिए पाकिस्तान पर दबाव बढाया जा सके.
 
बिपिन रावत ने कहा कि राज्य में काम कर रहे सशस्त्र बल ‘‘यथास्थिति में नहीं रह सकते’’ और उन्हें स्थिति से निपटने के लिए नयी रणनीतियां बनानी होंगी. उन्होंने माना कि साल भर से कुछ अधिक समय पहले उनके पदभार ग्रहण करने के बाद स्थितियां ‘‘कुछ’’ बेहतर हुई हैं.
     
सेना प्रमुख ने पीटीआई के साथ एक साक्षात्कार में इस बात पर जोर दिया कि पाकिस्तान पर इस बात के लिए दबाव बनाने की गुंजाइश है कि वह सीमापार से आतंकवादी गतिविधियां रोके. उनका स्पष्ट संकेत यह था कि सेना आतंकवाद से कडाई से निपटने की अपनी नीति जारी रखेगी.
     
सेना प्रमुख ने कहा, ‘‘राजनीतिक पहल और सभी अन्य पहलें साथ साथ चलनी चाहिए और यदि हम सभी तालमेल के साथ काम करें तभी कश्मीर में स्थायी शांति ला सकते हैं. हमें एक राजनीतिक..सैन्य रूख अपनाना होगा.’’
     
गत अक्तूबर में सरकार ने गुप्तचर ब्यूरो के पूर्व प्रमुख दिनेश्चर शर्मा को जम्मू कश्मीर में सभी पक्षों के साथ ‘‘सतत वार्ता’’ के लिए अपना विशेष प्रतिनिधि नियुक्त किया था.
     
सेना प्रमुख ने कहा, ‘‘ सरकार ने जब वार्ताकार नियुक्त किया तो उद्देश्य से यही था. कश्मीर के लोगों से संवाद कायम करने और उनकी शिकायतों का पता लगाने के लिये वे सरकार के प्रतिनिधि हैं ताकि उनका राजनीतिक स्तर पर समाधान हो सके .’’
     
यह पूछे जाने पर कि क्या पाकिस्तान पर इसके लिए दबाव बनाने की गुंजाइश है कि वह राज्य में आतंकवादियों को भेजना बंद करे, उन्होंने कहा, ‘‘हां, आप यथास्थिति में नहीं रह सकते. आपको लगातार सोचना होगा और आगे बढते रहना होगा. ऐसे क्षेत्रों में आप जिस तरह से काम करते हैं उससे संबंधित अपने सिद्धांत, अवधारणा और तरीके में लगातार बदलाव करते रहना होगा.’’
      
गत वर्ष के शुरूआत से ही सेना जम्मू कश्मीर में एक आवामक आतंकवाद निरोधक नीति पर चल रही है, साथ ही नियंतण्ररेखा पर पाकिस्तानी सैनिकों के संघषर्विराम उल्लंघनों का माकूल जवाब दे रही है.
       
उन्होंने कहा, ‘‘कश्मीर मुद्दे को सुलझाने के लिए सेना हमारे तंत्र का केवल एक हिस्सा है. हमारा काम यह सुनिश्चित करना है कि राज्य में हिंसा कर रहे आतंकवादियों के खिलाफ कार्रवाई की जाए तथा जिन्हें कट्टर बना दिया गया है और जो आतंकवाद की ओर तेजी से आगे बढ रहे हैं उन्हें वैसा करने से रोका जाए.’’
        
जनरल रावत ने कहा कि युवाओं को कट्टर बनाना जारी है और वे आतंकवादी समूहों में शामिल हो रहे हैं. सेना आतंकवादी समूहों पर दबाव बनाना जारी रखे हुए है.


        
यह पूछे जाने पर करीब साल भर पहले सेना प्रमुख का कार्यभार संभालने के बाद से क्या कश्मीर की स्थिति में सुधार हुआ है, जनरल रावत ने कहा, ‘‘मुझे बेहतरी की दिशा में स्थिति में मामूली परिवर्तन नजर आ रहा है.’’
        
उन्होंने कहा, ‘‘मुझे नहीं लगता कि हमें इस समय अत्यधित आत्मविश्वास में रहने और यह मानने की जरूरत है कि स्थिति नियंत्रण में आ गई है क्योंकि सीमापार से घुसपैठ जारी रहेगी.’’

भाषा


Post You May Like..!!

Latest News

Entertainment