हम फिर ‘जैसे को तैसा’ के रुख में लौट आए हैं :पूर्व प्रधान न्यायाधीश जे एस खेहर
पूर्व प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति जे एस खेहर ने अयोध्या विवाद के शांतिपूर्ण समाधान की वकालत की और उन्होंने कहा कि भारत ने आजादी के बाद ‘पूर्ण धर्मनिरपेक्षता’ का मार्ग चुना.
पूर्व प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति जे एस खेहर |
उन्होंने यहां लाल बहादुर शास्त्री व्याख्यान देते हुए कहा, ‘‘सबसे बडीं हिंसा तो तब हुई जब देश आजाद हुआ. ऐसी वूरता सामने आयी जिसे पीढियां नहीं भूल सकतीं.
लेकिन भारत में कुछ अनोखा हुआ. पाकिस्तान इस्लामिक राज्य बना लेकिन भारत ने धर्मनिरपेक्ष रहना पसंद किया.’’
उन्होंने कहा कि भारत के नेताओं ने सुनिश्चित किया कि देश में पूर्ण धर्मनिरपेक्षता हो.
पूर्व प्रधान न्यायाधीश ने कहा, ‘र्‘लेकिन लगता हैी हम उसे भूल गये हैं. हम फिर ‘जैसे को तैसा’ रुख में आ गये.’’
उन्होंने धर्म से लेकर धर्मनिरपेक्षता तथा नोटबंदी एवं भष्टाचार जैसे कर्म मुद्दों पर अपनी राय रखी.
उन्होंने स्मरण किया कि बतौर प्रधान न्यायाधीश उन्होंनेंिहदुओं और मुसलमानों को अयोध्या विवाद का सौंहार्दपूर्ण हल ढूंढने में मदद की पेशकश थी.
न्यायमूर्ति खेहर ने कहा, ‘‘जरा सोचिए, भारत एक धर्मनिरपेक्ष देश है और वह वैश्विक ताकत बनना चाह रहा है. यदि आपको वैश्विक ताकत बनना है तो क्या आप आज के विश्व में सांप्रदायिक रह सकते हैं?’’
उन्होंने कहा, ‘‘यदि आप इस्लामिक विश्व में मुसलमानों को दोस्त बनाना चाहते हैं तो आप मुस्लिम विरोधी नहीं हो सकते. यदि आप ईसाइयों से दोस्ती करना चाहते है तो आप ईसाई विरोधी नहीं हो सकते. अतएव आजकल जो कुछ हो रहा है, वह इस देश के हित में नहीं है.’’
उन्होंने अयोध्या समेत सभी विवादों के शांतिपूर्ण समाधान की वकालत की और कहा कि कोई भी युद्ध के जरिए मुद्दे सुलझा नहीं सकता.
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