महिलाओं को ताकत और बेटियों की पढ़ाई पर जोर
मोदी सरकार का अब पूरा ध्यान महिलाओं को सशक्त बनाने और बेटियों की पढ़ाई पर केंद्रित है.
कैबिनेट के फैसलों की जानकारी देते केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली. |
मंत्रिमंडल की बैठक में केंद्र सरकार ने 115 जिलों में 920 महिला शक्ति केंद्र खोलने और बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ योजना 161 जिलों से बढ़ाकर 640 जिलों में करने का फैसला किया है.
केंद्र ने देश के 115 सर्वाधिक पिछड़े जिलों में ब्लाक स्तर पर 920 महिला शक्ति केन्द्र गठित करने को मंजूरी दे दी ताकि ग्रामीण महिलाओं तक पहुंच बनाई जा सके और उन्हें कौशल विकास, रोजगार तथा डिजिटल साक्षरता के अवसर और स्वास्थ्य एवं पोषाहार मुहैया कराया जा सके.
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने इस वर्ष के बजट भाषण में 14 लाख आंगनवाड़ियों में ऐसे केन्द्र गठित करने की सबसे पहले घोषणा की थी और इस योजना के लिए 500 करोड़ रुपए आवंटित किए थे.
बेटी बचाओ योजना के लिए स्थानीय कालेजों से तीन लाख से अधिक वालंटियर्स को इस प्रक्रि या में शामिल किया जाएगा जबकि एनएसएस/एनसीसी काडर छात्रों को जोड़ने के बारे में भी विचार किया जाएगा.
सरकार ने बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना को 161 जिलों से बढ़ाकर 640 जिलों में लागू करने को मंजूरी दे दी है. बयान में यह भी कहा गया कि यौन हिंसा की पीड़िताओं को समन्वित सेवाएं मुहैया कराने के लिए 150 वन स्टाप सेंटरों की स्थापना की जाएगी.
मंत्रिमंडल ने महिला एवं बाल कल्याण विकास की योजना , मिशन फार प्रोटेक्शन एंड एम्पावरमेंट फार वूमेन’ को एक वर्ष और यानी 2017-18 से 2019 -20 तक बढ़ाने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दी है. इसके लिए 3636.85 करोड़ रुपये का बजटीय प्रावधान किया गया है जिसमें केंद्र का हिस्सा करीब 3084.96 करोड़ रु का होगा.
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