कश्मीर पर सरकार की ईमानदारी पर संदेह : विपक्ष

Last Updated 24 Oct 2017 08:10:20 PM IST

राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने मंगलवार को कहा कि विपक्ष को नरेंद्र मोदी सरकार के कश्मीर मुद्दे को गंभीरता से सुलझाने के 'इरादे और ईमानदारी पर' संदेह है.


राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद.

सरकार की जम्मू एवं कश्मीर में वार्ता की नई पहल पर राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री व वरिष्ठ कांग्रेस नेता आजाद ने अपने भावना को उर्दू शेर के रूप में पेश किया. उन्होंने शायराना अंदाज में कहा, "तमन्नाओ में उलझाया गया हूं/ खिलौना देकर बहलाया गया हूं."

आजाद ने दिल्ली में संवाददाताओं से कहा, "इन साढ़े तीन वर्षो में, मोदी सरकार ने तल्ख रुख अख्तियार किया. अब कार्यकाल के समाप्त होने के समय सरकार कुछ प्रचार के लिए बातचीत करने की पहल कर रही है. हमें सरकार के इरादे और ईमानदारी पर शक है."

उन्होंने कहा कि यह पहल बहुत देर से हुई है और इसका कोई निश्चित समय सीमा नहीं है.

सरकार ने सोमवार को जम्मू एवं कश्मीर पर अचानक अपने कड़े रवैये को छोड़कर अलगाववादियों समेत सभी साझेदारों से बातचीत का रास्ता अख्तियार करने की घोषणा की और इसके लिए आईबी के पूर्व प्रमुख दीनेश्वर शर्मा को वार्ताकार नियुक्त किया.



आजाद ने कहा बीते तीन वर्षो में कांग्रेस समेत सभी विपक्षी पार्टियों ने सरकार से कश्मीर मुद्दे पर विश्वास बहाली के उपाय अपनाने की जरूरत पर जोर दिया था लेकिन सरकार ने इसे अनसुना कर दिया.


आजाद ने कहा, "कश्मीर एक राजनीतिक मुद्दा है और पूरी दुनिया में कोई भी राजनीतिक मुद्दा ऐसा नहीं है जिसे ताकत के इस्तेमाल या तल्ख रवैये से सुलझाया जा सकता हो. अगर इस सरकार ने हमारी पहले सुनी होती, तो कई सैनिकों और नागरिकों की महत्वपूर्ण जिंदगियां बच सकती थीं और तीन व चार वर्ष के बच्चों समेत कई युवा पेलैट गन से अपनी आंख नहीं गंवाते."

उन्होंने कहा कि मोदी सरकार के पास कश्मीर मुद्दे पर 'कोई भी नीति नहीं' है.

 

 

आईएएनएस


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