प्रधानमंत्री पहली बार अपने गांव पहुंचे, बचपन की यादें ताजा हुई

Last Updated 08 Oct 2017 06:42:51 PM IST

प्रधानमंत्री बनने के बाद पहली बार अपने पैतृक गांव उत्तर गुजरात के महेसाणा जिले के वडनगर पहुंचे नरेन्द्र मोदी ने करीब छह किलोमीटर लंबा और एक घंटे से अधिक का भावुक रोड शो किया और इस दौरान उनका भव्य स्वागत किया गया.




(फाइल फोटो)

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी बचपन के अपने स्कूल बी एन विश्विद्यालय पर रूके और वहां की धूल को माथे पर लगाते हुए इससे तिलक भी किया. उन्होंने अपने पैतृक आवास के पास मौजूद प्राचीन हाटकेर महादेव मंदिर में पूजा और आरती में भी भाग लिया.
       
कल दो दिन के गुजरात दौरे पर पहुंचे मोदी राजधानी गांधीनगर से सुबह करीब साढे नौ बजे हेलीकॉप्टर से वडनगर के निकट गुंजा में हेलीपैड पर उतरे. उनका रोड शो पूर्व निर्धारित नहीं था पर हजारों लोगों की हुजुम को देख कर वह अपने वाहन का दरवाजा खोल बाहर खडे हो गये और रोड शो का सिलसिला शुरू हो गया. रास्ते में कुछ स्थानों पर उन्होंने लोगों के अभिवादन के लिए अपने काफिले को भी रूकवा दिया. वह रास्ते भर भीड का हाथ हिला कर अभिवादन करते रहे और लोग उन पर फूल बरसाते रहे.
      
उनका काफिला वडनगर के उस रेलवे स्टेशन के निकट से भी गुजरा जहां वह बचपन में अपने पिता के साथ चाय बेचते थे. हालांकि वह वहां रूके नहीं. 17 सितंबर 1950 को यहां दामोदरदास मोदी और श्रीमती हीराबा की कुल छह में से तीसरी संतान के रूप में जन्मे श्री मोदी के स्वागत के लिए उनके इस पैतृक गांव, जो अब किसी शहर को भी मात देता लगता है, को दुल्हन की तरह सजाया गया है. वडनगर अहमदाबाद से करीब 100 किमी दूर है. यह महेसाणा जिले में है जो पाटीदार समुदाय का गढ है जिसके हार्दिक पटेल की अगुवाई वाले एक गुट ने स्थानीय भाजपा सरकार के खिलाफ आंदोलन छेड रखा है. इसी साल गुजरात में होने वाले विधानसभा चुनाव में वे भाजपा का विरोध कर रहे हैं.
        
मोदी ने रोड शो के दौरान पहला विधिवत पडाव अपने बचपन के स्कूल के पास किया. उनकी एक झलक पाने तथा स्वागत के लिए जुटे लोगों की जबरदस्त भीड और उन्हें नियत्रिंत करने के लिए जूझते सुरक्षाकर्मियों के घेरे के बीच मोदी ने अपनी मातृभूमि की इस स्कूल के पास की धूल से तिलक किया. इसके बाद वह पास ही हाटकेर मंदिर गये. वहां उन्होंने गर्भगृह में भगवान की पूजा, अभिषेक और आरती भी की और गांव के कुछ बुजुर्गो से संक्षिप्त मुलाकात की. इसके बाद वह 600 करोड की लागत से बने जीएमईआरएस मेडिकल कॉलेज और अस्पताल पहुंचे और इसका लोकार्पण किया. वहां भी वह अचानक छात्रो के बीच पहुंच गये और उनसे संक्षिप्त संवाद किया.


   
उन्होंने यहां तुलसी पार्क में एक सभा भी संबोधित करते हुए अपने गांव में भव्य स्वागत पर लोगों के प्रति आभार प्रकट किया और इसे हृदय को छूने वाली घटना बताया. उन्होंने कहा कि कई पुराने परिचित चेहरे देख कर उनके बचपन की यादे ताजा हो जाती थी. कुछ पुराने दोस्तों के दांत तक नहीं बचे, कुछ लकडी लेकर चल रहे थे. उन्होंने बच्चों के टीकाकरण से जुडे मिशन इंद्रधनुष की शुरूआत और महिला स्वास्थ्य कर्मियों को ई टैबलेट का वितरण भी किया तथा कई स्थानीय योजनाओं का शिलान्यास अथवा लोकार्पण भी किया उन्होंने कहा कि वह यहां आकर ताजगी महसूस कर रहे हैं और इससे और अधिक ताकत से देश की सेवा करेंगे. उन्होंने लोगों से टीकाकरण अभियान में बढ चढ कर हिस्सा लेने तथा डाक्टरो से गरीब गर्भवती महिलाओ पर विशेष ध्यान देने की भी अपील की. उन्होंने वडनगर में बौद्य काल के अवशेष के लिए खुदाई की चर्चा करते हुए कहा कि इससे यह एक बडे पर्यटन केंद्र मे तब्दील हो सकेगा. उन्होंने लोगों को विकास के बारे में भी सीख दी. श्री मोदी ने वडनगर को भी भोले बाबा की नगरी बताते हुए कहा कि यहां से चल कर वह वाराणसी अथवा काशी पहुंच गये जो भोले बाबा की नगरी है. भोले बाबा के आशीर्वाद से उन्हें आलोचना के जहर पचाने की शक्ति और मातृभूमि की सेवा करने की प्रेरणा मिली है.
       
मोदी आज ही भरूच में कुछ कार्यक्रमों भाग लेने के बाद वडोदरा से वापस नयी दिल्ली रवाना हो जायेंगे.

भाषा


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