सेना ने नियंत्रणरेखा पर पाकिस्तान के हमले को नाकाम किया

Last Updated 26 Sep 2017 05:22:20 PM IST

सेना ने आज कश्मीर में नियंत्रणरेखा पर हुई दो अलग अलग घटनाओं में पाकिस्तानी बॉर्डर एक्शन टीम (बैट) के एक हमले को नाकाम कर दिया और घुसपैठ की कोशिश कर रहे हिज्बुल मुजाहिदीन के एक आतंकी को मार गिराया.


पाक सैनिको ने भारतीय चौकियों पर की गोलीबारी (फाइल फोटो)

सेना के एक सूत्र ने बताया कि हमलावरों को पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में लौटने पर मजबूर कर दिया गया और वे भारतीय सीमा में कोई क्षति पहुंचाने में नाकाम रहे.

सूत्र ने कहा कि सात से आठ सशस्त्र घुसपैठियों (पाकिस्तानी सीमा से आए) ने आज दोपहर एक बजे कुपवाड़ा के केरन सेक्टर इलाके में हमला करने की कोशिश की. वे भारतीय सेना की चौकियों के पास पहुंच गए थे. ये बैट के सदस्य थे जिसमें आमतौर पर आतंकवादी और सैनिक शामिल होते हैं.

सूत्र के अनुसार पास की पाकिस्तानी चौकियों ने मोर्टार गोले दागकर तथा छोटे हथियारों से गोलीबारी कर बैट घुसपैठियों की मदद की.

उन्होंने बताया,   बैट की कार्वाई का उद्देश्य हमारी चौकी को क्षति पहुंचाना था लेकिन उसे कारगर तरीके से नाकाम कर दिया गया तथा घुसपैठिए लौटने को मजबूर हो गए.  सूत्र ने कहा, शत्रु ठिकानों पर गोलीबारी जारी है.  

इससे पहले सेना के एक अधिकारी ने यहां बताया था कि पाकिस्तानी सैनिकों ने केरन सेक्टर में हल्के हथियारों से गोलीबारी कर भारतीय चौकियों को निशाना बनाया.

बैट इससे पहले भी नियंत्रणरेखा पर स्थित भारतीय चौकियों को निशाना बना चुका है.

एक दूसरी घटना में जम्मू-कश्मीर के उरी सेक्टर में नियंत्रणरेखा के पास सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ में हिज्बुल मुजाहिदीन का शीर्ष आतंकवादी अब्दुल कयूम नजर आज मारा गया. वह आतंकवादी संगठन की कमान संभालने के लिए घाटी में दाखिल होने की कोशिश में था.

नजर का मारा जाना सुरक्षा बलों की बड़ी कामयाबी है, क्योंकि हत्या के 50 से ज्यादा मामलों में उसकी तलाश थी. सोपोर के हैगाम इलाके में पुलिसकर्मियों की हत्या के एक मामले में पिछले 17 साल से उसकी तलाश थी.



बारामुला के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) इम्तियाज हुसैन ने कहा, आज सुबह नियंत्रणरेखा के पास लछिपुरा में सुरक्षा बलों ने घुसपैठ की कोशिश नाकाम कर दी और नजर को मार गिराया .   

उन्होंने पीटीआई-भाषा को बताया,   सुरक्षा बलों की ओर से हिज्बुल मुजाहिदीन के शीर्ष कमांडरों के सफाये के मद्देनजर संगठन की कमान संभालने के लिए वह कश्मीर लौट रहा था.   

हुसैन ने कहा,   2003 में हिज्बुल के कमांडर अब्दुल माजिद डार के मारे जाने के बाद नजर ने आतंकवादी के तौर पर अपने करियर की शुरूआत की.   

अधिकारी ने बताया कि नजर ने जब हिज्बुल के नेतृत्व से नाता तोड़ लिया था तो 2015 में उसके आकाओं ने उसे पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर स्थित एक शिविर में बुलाया था. उन्होंने कहा कि उसे कश्मीर में हिज्बुल में जान फूंकने की जिम्मेदारी सौंपी गयी थी.

 

 

भाषा


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