कांवड़ियों के वेश में हमले कर सकते हैं आतंकी

Last Updated 13 Jul 2017 04:34:46 AM IST

कहीं केसरिया वस्त्र पहनकर बोल बम का जयकारा लगाने वाली भीड़ में आतंकी तो नहीं. जी हां सावधान रहिए. जान पहचान वालों के साथ ही रहें किसी अनजान को अपने ग्रुप में मेल जोल न बढ़ाने दें, क्योंकि आतंकी कांवड़ियों का वेश धर आतंक मचा सकते हैं.


कांवड़ियों के वेश में हमले कर सकते हैं आतंकी

खुफिया विभाग ने इस बात से सरकार को आगाह किया है कि सावन के माह में कांवड़ियों के वेश में आतंकी आ सकते. इस खुफिया सूचना के बाद राज्य सरकार की सुरक्षा एजेंसियों को सतर्क कर दिया गया है.

हाल ही में कश्मीर में लश्कर के लिए काम करने वाले हिन्दू आतंकी संदीप के पकड़े जाने से यह साबित हो गया है कि आतंकी संगठनों आईएस और लश्कर ने भारत में अपने गुगरे को पैदा कर दिया है. खुफिया विभाग ने कहा है कि नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद पाक को आतंकी राष्ट्र बताकर वि मानचित्र पर हाशिए पर लाने में मिली सफलता से बौखलाए पाक खुफिया एजेंसी आईएसआई ने इस्लामिक स्टेट (आईएस) से संपर्क किया है. गौरतलब है कि भारत के कारण ही हाफिज सईद को आंतकी सूची में डाला गया.

सूत्रों के अनुसार, आईएसआई की मदद से जेहाद के नाम पर भारत में आईएस ने भी फिरोज नाम के युवक के नेतृत्व में अपना स्लिपर सेल तैयार कर लिया है. खुफिया सूत्रों के अनुसार, गुजरात में पकड़े गए आईएस आतंकी वसीम और नईम रामोदिया ने जो खुलासा किया था, वह बेहद संवेदनशील है. इसके अनुसार इन लोगों को बम बनाने, हथियार चलाने और हमले करने की ट्रेनिंग केरल के पहाड़ी इलाकों में दी जाती है. इंटरनेट के माध्यम से भी ट्रेनिंग दी जाती है.

खुफिया सूत्रों के अनुसार, उत्तर प्रदेश, बिहार, तमिलनाडु  व आंध्र प्रदेश में आईएस के रंगरूटों ने पनाह ले रखी है और आईएस और लश्कर-ए-तय्यबा के टारगेट पर दिल्ली, गुलाबी नगरी जयपुर, मुम्बई, प्राचीन नगरी बनारस, बेंगलुरू और हैदराबाद निशाने पर हैं. खुफिया सूत्रों का कहना है कि ये कांवड़ियों का वेश धारण कर रेलगाड़ी, बडे नेता, रिफाइनरी सहित कुछ परमाणु प्रतिष्ठानों और इन शहरों के बड़े बाजारों में आतंकी हमला कर सकते हैं. खुफिया विभाग के अनुसार, जो नए रंगरूट हैं, वे पहले छोटी छोटी घटनाओं को अंजाम देंगे.

सूत्रों के मुताबिक, आईएसआई सावन में शिव भक्तों पर भी आतंकी हमला कराने की तैयारी में है. उसके आतंकियों में 20 से 22 वर्ष की उम्र के युवा हैं. इनमें अधिकतर उत्तर प्रदेश, बिहार, गुजरात और तेलंगाना के हैं. इनमें कुछ हिन्दू भी हैं.

कुणाल
समयलाइव डेस्क ब्यूरो


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