पाक उच्चायोग में जासूस, महमूद को 48 घंटे में भारत छोड़ने को कहा गया, दो भारतीय भी पकड़े गए
पाक की खुफिया एजेंसी आईएसआई को भारतीय सेना तथा सीमा सुरक्षा बल से संबधित खुफिया रक्षा दस्तावेज बेचने के आरोप में दो भारतीय जासूसों को धर दबोचा गया है.
भारत में पाकिस्तानी उच्चायोग के वीजा प्रभाग में काम करने वाला और राजनयिक छूट प्राप्त महमूद अख्तर (फाइल फोटो) |
इनकी पहचान मौलाना रमजान खान उर्फ हजरत और सुभाष जांगिड़ के रूप में हुई है. इस मामले में फरार एक अन्य आरोपी शोएब कोपुलिस ने राजस्थान के जोधपुर से गिरफ्तार कर लिया है. पुलिस ने दावा किया कि इस रैकेट का सरगना दिल्ली स्थित पाकिस्तानी उच्चायोग का एक कर्मचारी है और इसकी पहचान महमूद अख्तर के तौर पर की गई है.
पाकिस्तानी उच्चायोग के वीजा प्रभाग में काम करने वाला और राजनयिक छूट प्राप्त महमूद अख्तर ने प्रारंभिक पूछताछ में कुछ और कर्मियों के इस रैकेट में शामिल होने की बात कबूली है, हालांकि लंबी पूछताछ के बाद उसे रिहा कर दिया गया.
संयुक्त पुलिस आयुक्त रविन्द्र यादव के अनुसार दबोचे गए दोनों आरोपी पिछले डेढ़ साल से अधिक समय से जासूसी गतिविधियों में शामिल थे जबकि हम छह महीने से उनकी गतिविधियों पर नजर रख रहे थे. एक विशेष सूचना पर 26 अक्टूबर को चिड़ियाघर के समीप से तीनों को दस्तावेजों का लेन-देन करते हुए पकड़ा गया. अख्तर ने शुरुआत में मेहबूब राजपूत नाम का एक आधार कार्ड दिखाकर खुद को भारतीय होने का दावा किया लेकिन गहन जांच कार्रवाई में यह दावा फर्जी पाया गया.
फर्जी नाम से आधार
अख्तर ने पहले अपने को भारतीय बताया. कड़ी पूछताछ के बाद कबूला कि पाक हाईकमीशन में हूं. डिप्लोमैटिक इम्यूनिटी हासिल है. उसने फर्जी नाम से चांदनी चौक के पते का आधार कार्ड भी बनवा रखा था.
अख्तर अस्वीकार्य व्यक्ति घोषित
विदेश सचिव एस जयशंकर ने पाक उच्चायुक्त बासित को तलब कर उन्हें बताया कि जासूसी के आरोप में पकड़े गए पाक उच्चायोग के अधिकारी महमूद अख्तर को तत्काल प्रभाव से अस्वीकार्य व्यक्ति घोषित कर दिया गया है. अख्तर और उनके परिवार को 48 घंटों के भीतर देश छोड़ने को कहा गया है.
पाक ने जताई नाराजगी
पाकिस्तान के विदेश विभाग ने एक बयान जारी कर भारत द्वारा महमूद अख्तर के खिलाफ की गई अस्वीकार्य व्यक्ति घोषित किये जाने की कार्रवाई की निंदा की है. साथ ही उसके खिलाफ लगाए गए आरोपों को गलत और अप्रमाणित करार दिया है.
पुलिस हिरासत में भेजा
- रमजान और सुभाष जांगिड़ को 12 दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया गया है.
कौन भारतीय पकड़े गए
- मौलाना रमजान और सुभाष जांगिड़ को गिरफ्तार किया गया. दोनों राजस्थान के रहने वाले हैं. शोएब जोधपुर से पकड़ा गया.
- सुभाष किराना की दुकान चलाता है. रमजान मदरसे में पढ़ाता है और शोएब जोधपुर में पासपोर्ट बनवाने का काम करता है.
कब से हो रही थी जासूसी
- डेढ़ साल से पाकिस्तान हाईकमीशन के जरिए हो रही थी जासूसी. दिल्ली पुलिस छह माह से हर गतिविधि को कर रही ट्रेस.
कैसे होती थी जासूसी
- हाईकमीशन का स्टाफ वीजा मांगने वालों को फंसाता था. जरूरतमंदों को पैसे का लालच देकर आईएसआई के लिए काम करने को कहता था.
कौन है महमूद अख्तर
- अख्तर पाक आर्मी की 40वीं बलूच रेजीमेंट में हवलदार था. 3 साल पहले आईएसआई ने उसे रिक्रूट किया और ट्रेनिंग दी.
- साजिश के तहत पाक हाईकमीशन के वीजा सेक्शन में भेजा गया.
कैसे चला ऑपरेशन
- 25 अक्टूबर को पता चला कि चिड़ियाघर में ये लोग मिलने वाले हैं.
- 26 अक्टूबर को सुबह 10 बजे चिड़ियाघर से तीन लोगों को पकड़ा गया.
क्या लीक करते थे
- अख्तर बार्डर एरिया में आर्मी-बीएसएफ की तैनाती से जुड़ी जानकारियां हासिल करता था.
क्या क्या मिला
- बार्डर एरिया के मैप मिले हैं. वीजा और पैसों के लेन देन के कागजात भी मिले हैं.
और भी हैं कई शामिल
- पुलिस ने कहा कि और भी कई लोग सर्विलांस पर हैं. वक्त आने पर खुलासा किया जाएगा.
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