फैमिली पेंशन पर पहला हक विधवा का: सुप्रीम कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि सरकारी कर्मी की मृत्यु होने पर उसकी विधवा को ही पेंशन दी जा सकती है. विधवा के होते हुए परिवार के किसी अन्य सदस्य को पेंशन नहीं दी जा सकती.
उच्चतम न्यायालय, भारत सरकार |
वसीयत के अभाव में मृतक की संपत्ति का बराबर-बराबर बंटवारा किया जा सकता है, लेकिन पेंशन का नहीं. जस्टिस अनिल दवे और एल नागेर राव की बेंच ने पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट के फैसले को खारिज करते हुए मृतक की पत्नी को पारिवारिक पेंशन देने का आदेश दिया.
हाईकोर्ट ने मृतक की विधवा तथा उसकी मां को पेंशन की रकम का 50-50 प्रतिशत देने का आदेश दिया था. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि फैमिली पेंशन के नियम उत्तराधिकार कानून से भिन्न हैं. हिंदू उत्तराधिकार अधिनियम में विधवा और मां का सम्पत्ति पर बराबर का अधिकार है.
अगर व्यक्ति बिना वसीयत किए स्वर्ग सिधार गया है तो अधिनियम के अनुसार प्रथम श्रेणी के वारिस होने के कारण मां और विधवा सम्पत्ति पर समान अधिकार रखते हैं.
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