उरी हमला: भारत ने पाकिस्तानी उच्चायुक्त को सबूत दिखाये
विदेश सचिव एस जयशंकर ने दस दिन से भी कम समय में मंगलवार को पाकिस्तान के उच्चायुक्त अब्दुल बासित को उरी हमले को लेकर दूसरा डिमाश्रे जारी किया.
विदेश सचिव एस जयशंकर (फाइल फोटो) |
जयशंकर ने उस आतंकवादी हमले में ''सीमापार स्रोत'' के सबूत दिखाये जिसमें 18 जवान शहीद हो गए थे.
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने कहा कि विदेश सचिव ने बासित को तलब किया और उन्हें बताया कि प्रारंभिक जांच में मारे गए उरी हमलावरों में से एक की पहचान हाफिज अहमद के तौर पर हुई है जो कि फिरोज का पुत्र और मुजफ्फराबाद के धारबंग का निवासी है. इसके साथ ही इसमें पाकिस्तान स्थित आतंकवादी आकाओं की जानकारी मिलती है.
बासित से कहा गया, ''स्थानीय ग्रामीणों ने उरी सेक्टर में 21 सितम्बर को पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर के दो व्यक्तियों को पकड़कर भारतीय सुरक्षा बलों को सौंपा था जिन्होंने आतंकवादियों के लिए गाइड के तौर पर काम किया और उन्हें नियंत्रण रेखा से घुसपैठ करने में मदद की थी.''
बासित से कहा गया, ''उनके बारे में जानकारी इस प्रकार से है- फैजल हुसैन अवान (20), पुत्र गुल अकबर निवासी पोथा जहांगीर, मुजफ्फराबाद और यासीन खुर्शीद (19), पुत्र मोहम्मद खुर्शीद निवासी खिलियांना कलां, मुजफ्फराबाद.''
विदेश सचिव ने बासित से कहा कि पूछताछ के दौरान अवान ने एनआईए को बताया है कि उन्होंने उस समूह को सीमा पार करने का ''रास्ता बताया और मदद की'' जिसने 18 सितम्बर को उरी हमले को अंजाम दिया था.''
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