GST बिल के लिए बुलाया गया महाराष्ट्र विधानसभा का विशेष सत्र

Last Updated 29 Aug 2016 03:33:35 PM IST

वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) संविधान संशोधन विधेयक के अनुमोदन पर विचार करने के लिए महाराष्ट्र विधानसभा का एक दिन का विशेष सत्र सोमवार को बुलाया गया. जीएसटी विधेयक संसद में पारित हो चुका है.




GST बिल के लिए महाराष्ट्र विधानसभा का विशेष सत्र (फाइल फोटो)

विधानसभा में, राज्य के वित्त मंत्री सुधीर मुंगंटीवार ने जीएसटी विधेयक के अनुमोदन के लिए एक प्रस्ताव पेश किया और वित्त राज्य मंत्री दीपक केसरकर ने विधेयक को विचार के लिए पेश किया.

288 सदस्यीय महाराष्ट्र विधानसभा में भारतीय जनता पार्टी और शिवसेना गठबंधन का बहुमत है और उसके 185 सदस्य हैं. विपक्षी कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) भी जीएसटी के पक्ष में हैं अत: राज्य विधानसभा द्वारा सर्वसम्मति से इसका अनुमोदन किए जाने की उम्मीद है.

विशेष सत्र से पहले मुंगंटीवार ने कहा, ‘‘संसद में इसे सर्वसम्मति से पारित कर दिया गया है और मुझे इसमें कोई कारण नहीं नजर आता कि क्यों महाराष्ट्र में इसे सर्वसम्मति से पारित नहीं किया जाना चाहिए.’’

वरिष्ट राकांपा नेता और महाराष्ट्र के पूर्व वित्त मंत्री जयंत पाटिल ने कहा कि पार्टी विधेयक का समर्थन करेगी और उसे उम्मीद है कि विधानसभा में विधेयक के प्रावधानों पर चर्चा भी की जाएगी.

पाटिल ने कहा, ‘‘यह एक संविधान संशोधन विधेयक है और इसके अनुमोदन से पहले इस पर चर्चा होनी चाहिए.’’

संसद द्वारा पारित किया गया 122वें संविधान संशोधन विधेयक को राष्ट्रपति की अनुमति के लिए भेजे जाने से पहले कम से कम 16 राज्यों के अनुमोदन की जरूरत है. अब तक नौ राज्यों ने विधेयक का अनुमोदन कर दिया है. इन राज्यों में तीन ऐसे राज्य है जहां भाजपा के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) का शासन नहीं है.

महाराष्ट्र एक बड़े सेवा क्षेत्र की अर्थव्यवस्था वाला राज्य होने के साथ-साथ भारत का अग्रणी विनिर्माण राज्य है. ऐसा अनुमान है कि अगर जीएसटी की दर 18 प्रतिशत रखी जाती है तो इसे राजस्व का नुकसान हो सकता है.



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